Book Title: Jyotish Granth
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Page 87
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 11(1) (नदीलाद) और माल कामाजभानहायता है। वशेषकर शामक यौखिको गति नेवाले राविक्षों में योजना काका, भरन के निकर और मात कफदायक है शेलक्षाफलहायक हैं। समिटाके निस्तावित महापाको निरसा पोरसा गाना। तो त्येते मगमती इस्मोकहानिया रिपोका सोका This कोविकास विशेषतस्तत्वहाराततम्॥ .. नमानेन। वारपरत निविदासंटीवार को स्तरामालागसोमबारको मूल तपा। रोहित, मंगलकों मघातपाकनिका बचवारको आमानित गरुवार को भूल तामहरुक को रोहित तमामचा और शनिवार कोशोला तमा का सानिलिमा- ... अर्यभास्ववारे हिमकरहिवरोरादारामारीको पित्राने मौतौ तोरितिसत हिवसे सौगातारेसि देताजीरवाराततपब्रिाहपपि पौमहतो, साशिातिरमविनिमसतहिवसे वर्जनीमातीः।। For Private And Personal Use Only

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