Book Title: Jin Shasanna Mahapurushona Jivan Prasango
Author(s): 
Publisher: Bhuvanbhanusuri

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Page 27
________________ रामायण रामायण (२) (अभिमान, तपप्रभाव) (१) हनुमान ने सीताजी का चूडारत्न राम को दिया। (२) सीताजी को लौटा देने का कहनेवाले विभीषण का इंद्रजितद्वारा तिरस्कार। (३) बिभीषण राम के आश्रय में। (४) लक्ष्मणजी और रावण वासुदेव प्रति-वासुदेव का घोर युद्ध। (५) रावण की अमोध विजया शक्ति से लक्ष्मणजी बेहोश। पूर्वभवकी तपस्विनी कुमारिका विशल्या के स्पर्श से ठीक हो जाना। (६) रावण की विद्यासाधना, मंदोदरी की चौकी। रावण की बलात्कार की धमकी से सीताजी को मूर्छा, रावण को पश्चाताप। (७) लक्ष्मणजी के चक्रसे रावण की मृत्यु। धिक्कार है, अभिमान और परस्त्रीलंपटता को। (८) एक हजार राजाओं के साथ भरतजी की दीक्षा और केवल ज्ञान। आचार्य श्री भुवनभानु सूरीश्वरजी महाराज

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