Book Title: Jainacharyo ka Shasan bhed
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Jain Granth Ratnakar Karyalay

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Page 87
________________ शुद्धिपत्र 45 शुद्ध 8 18 22. पुन अशुद्ध वादर बादर निशासन निशाशन अणुव्रत और महाव्रत __ अणुव्रती और महाव्रती पढगं पढमं तम्बोलो सहु जलमुइवि तम्बोलोसहु जल मुइवि अंथविए अत्थमिए -दीयते -दत्ते * रक्खळं रक्खटुं पुण रक्ख रक्खटुं वट्ठरः वट्टकेरः सागर सागार विदियं बिदियं शिवकोठिं शिवकोटि अभितगतिः अमितगतिः चतुर्शीदें चतुर्भेदं इन्द्रिय इंदिय शस्य सस्य तिष्ठन्ते संतिष्ठन्ते देसाम्मि देसम्मि -स्तिष्टन् -स्तिष्ठन् अमतौर आम तौर 42 43 16 3,5 * , * * * * * * *

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