Book Title: Jaina Tirthas in India and Their Architecture
Author(s): Sarabhai Manilal Nawab
Publisher: Sarabhai Manilal Nawab

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Page 111
________________ 54 G एचवरमाचार प्राइमरताड़नझादीवराटनगी। बस कमत-मिरवावग्रीमेदवारासाधि गणनाअहिलरतीकशीलकालोन • पतसिंामदादाकरीतयुनतम म उनातीलकीरखममाण श्रीमदत्तनवाद साना वामकुमासिवमा३काविमा योग यावरटायशणनीवारिमिहावीर सिंहावीर सिंदचाउमिदविकमसिदश्यामिटम २४ामंतसिंदपक मारसिदमनसिपल संक्षा नर्मिनधिमंद 10 समर्मिदाबाजी माननीकारकाधीनही वदीन सरकाशमित्र aपश्रीचन ३२प्रीजवासिंद३३मालदेश गोगादेवजेपीलमश्रिीमजासिक पताश्री मामिल ३६ श्रीमा२३तास श्रीलदादानदलिदिशाम पण पर कारादिमारवशावरमविधामनदनीभोवाल महीपनि नकानन दानाविक्षमतमागतम SRIDAरमाणशका कामदार दलकर दी। रख दाटकानादिनानामहादुर्गलानामा दmgRACT ननिकाशिवातिनुन निकतमोतिमानिनिकल गधनमहीपालद्यालउवाविदले नविदा चावडदौड र दिनानिनिवेशमाभा देशन सामानमा चीन देवा जावास सकताइपोमरवादपर PlBRATE SHARMA नगरीय THESISE रासर नोडोजो नागणी अपना मानला उपनापासासम लादक लालालितपादारविदयामतितलालतलमविला मगाविदछ। नयगढवटवट जान लाम मानवतावर पपमाटेमानसकननलमतिले लेनामा दीदा नाराकमा कोनदिलीमंडलारिवारको साका निहिंडपुरवातविमद नवसागरी नवनिरंगवाहिनीवादिनीषागारधुकाम हायालनमलकिटानीरामदाशिमादि मोगासवर रिवार पाडीतकर्सवादापनिसावतोमाजवा मानसीपविशविनया विवेकविटदानिका निर्मलकालाAAYणमसिमझा तरणानामुगविण श्रीमदहमान सरफराणसी92055निसाहवधिमाया सक्यरिगलवाडाईरसरणीशजवादिनीधयाबला दीपिडरवाटकसालेशदिवानमवीनानविदारकीहोर सायमाविमसागारमामा कायरोपयशीमधमा कासगएपमहाबकिटाण कमालवामवतारमा अध्धनमायानपावणमाससंसोगराधनः धीर पालनागकामदेवस्माईनसंधरापविनाश्वासन देशमलाषामा सोनामानिमनाभरतदेशमा भवदीक्षिपदमागसवनयनेनराणपुरनपदेशकश्रीमत केली नीदे मनाम निवेशिनिस्दीमादेशमारलाक्पदा a:श्रीaadeीक्षिणकारिता कृति नयामान garnama चवदा MASKAR A कायम वादा मानदेवनारदेशालामा चित्र ११४-११५ श्री राणकपुरजीना मुख्य देरासरजीनी कोळीना जमणी तथा डाबी बाजुना थांभला उपरना शिलालेखो Fig. 114-115 Inscriptions on the pillars at Ranakpur Copyright S.M. Nawab Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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