Book Title: Jaina Method Of Curing
Author(s): Manju Jain
Publisher: International School for Jain Studies
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सर्व भय निवारक मत्त-विपेन्द्र-मृगराज-दवानलाहिसंग्राम-वारिधि-महोदर-बन्धनोत्थम् ।
तस्याशु नाश-मुपयाति भयं भियेव, यस्तावकं स्तव-मिमं मतिमान-धीते ||47||
47 मत्त द्विपेंद्र मृगराज दवानलाहि
ॐ हीं अर्ह णमो सव्व सिद्धायद
भयहर भयहर भयहर भयहर भयहर.
ग
यस्तावकं स्तव मिमं मतिमान धीते।।
नमो भगवते उन्मत्त भय हराय नमः।
भयहर भयहर भयहर भयहर भयहर
भयहर भयहर भयहर भयहर भयहर
णाणं वड्ढमाणाणं ॐ नमो हां हीं संग्राम वारिधि महोदर बंधनोत्थम्।
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KE TIL Year तस्याशु नाश मुपयाति भयं भियेव

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