________________ अष्ट कर्म अज्ञान ज्ञानावरण दशनावरण निद्रा अंधत्वादि उंच कल नीचकुल गोत्र-कमा अनंत ज्ञान अगर दशन अनत ति.शरीर,इन्द्रियादि-श पशु सामान्य दो अरुपिता वीतरागता/ सामगदर्शन اما मोरुनीय टेषकामक्रोधादि/ नियात्व अविरति अक्षय जनतयोये स्थिति जायष्य अनत FIK जन्म, जीवन वराय मृत्यु वेदनीय कृपणता दरिद्रता शाता-अशाता पराधीनताबेला આત્માનો વિકાસ ક્રમ JAP આ રાશિ ANGaile मोद६५ संसार MR Maina Upns: 2923ापता /AlA HAL aaurta सया AGARSHN.. OGRAT Artist 219 Sere WORDERE Shet UURilee Play