Book Title: Jain Tark Bhasha
Author(s): Trailokyamandanvijay
Publisher: Jain Granth Prakashan Samiti

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Page 335
________________ २७७ २६९ | जिननाम -- - - २७७ जीव २८२ ३०४ परिशिष्ट-९ काल (कालादिगत) २७५, २७६ / छद्मस्थ २६१, २६५ काल (कालकारकादिगत) २७७, २७८ | जाति (कल्पना) २६१ कालात्ययापदिष्ट २७४ जातिशब्द कालिकश्रुत २६४ जिगीषुकथा केवल (ज्ञान) २६४, जिज्ञासा २७४ कैवल्य २८१ क्रम २७७ जिनस्थापना २८१ क्रमभावी २६०, २८१, २७९, २८२ क्रमयोगपद्य २७१ | जीवत्व क्रिया (कल्पना) २६१ | ज्ञान २५९ क्रियाशब्द २७७, २७८ ज्ञाननय २७८ क्रियानय २७८ ज्ञाननयाभास २७९ क्रियानयाभास २७९ | तर्क २६५, २६७, २६८, २७२ क्षयोपशम २६१, २६३, २६४, २६७, २७२ तिर्यग्सामान्य २६६ क्षिप्र (मतिज्ञान) २६२, २६३ त्रिलक्षण २६८ क्षेत्र २६४, २७४ | त्रैरूप्य २७५ गजनिमीलिका दण्डिन् २७८ गणधर २६४ | दर्शन २५९, २६३, २६६, २६७ गमिक (श्रुत) दार्टान्तिक - २७२ २८२ | दृष्ट गुण (कल्पना) | दृष्टान्त गुणशब्द दृष्टान्तदोष गुणिदेश (कालादिगत) २७५, २७६ देवजीव २८२ २७८ | द्रव्य २६०, २६४, २६५, २६६, २७४, २७६, ग्रहण २६१, २६८ २७७, २७९, २८१ ग्राह्य द्रव्य (निक्षेप) २८०, २८१, २८२ घटनाम द्रव्यकल्पना २६१ घातिकर्मन् द्रव्यक्रिया २८० चक्षुरादिजनित | द्रव्यजीव २८२ चारित्र २७८ | द्रव्यजीवत्व चित्रज्ञान द्रव्यत्व २७७, २८२ च्यवमान २६१ / द्रव्यदेव गुण २६६ २६१ २७२ २७४ २८३ २८२

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