Book Title: Jain Sadhna ka adhar Samyagdarshan
Author(s): 
Publisher: Z_Yatindrasuri_Diksha_Shatabdi_Smarak_Granth_012036.pdf

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Page 16
________________ >> -यतीन्द्रसूरिस्मारक ग्रन्थ - जैन साधना एवं आचारगीता, 3/36 43. अंगुत्तरनिकाय, 1/17 4. इसिभासियाई सुत्तं, 21/3 44. वही, 10/12 अंगुत्तरनिकाय, 1/17 45. मनुस्मृति, 6/74 संयुत्तनिकाय, 21/3/3/8 46. वही, 17/3 संयुत्तनिकाय, 43/3/1 47. वही, 9/30-31 तत्त्वार्थ० सर्वार्थसिद्धि टीका-(पूज्यपाद) 8/1 48. वही, (शां०) 18/12 मज्झिमनिकाय, चंकिसुत्त उद्धृत महायान, पृ० 125, 49. भावपाहुड, 143 10. उदान, 6/4 50. गीता, 17/3 11. अंगुत्तरनिकाय, 1/11 51. उत्तराध्ययन, 28/16 12. गीता, 2/42-45 52. विशेषावश्यकभाष्य, 2675 13. आचारांग, 1/5/1/144 53. देखिए-पंचदशी 6/176 उद्धृत-भारतीय-दर्शन, पृ० 12 14. आचारांग, हिन्दी टीका, प्रथम भाग, पृ० 409 54. वही, (टीका) 149/942 15. गीता, 4/40 55. प्रवचनसारोद्धार (टीका) 149/942 16. स्थानांग, स्थान 10 / तुलना कीजिए-अंगुत्तरनिकाय 1/10- 56. स्थानांगसूत्र, 2/1/70 12 57. स्टडीज इन जैन फिलासफी, पृ० 268 17. अंगुत्तरनिकाय, 1/10-12 58. उत्तराध्ययन, 29/1 18. हिस्ट्री आफ फिलॉसफी (थिली), पृ० 287 59. देखिए गोम्मटसार (जीवकाण्ड) गाथा 29 की अंग्रेजी टीका, 19. समयसार, 21-22 / जे० एल० जैन, पृष्ठ 22 20. उद्धृत-जैन स्टडीज, पृ० 136 60. नाटक समयासार, 13/38 21. भारतीय दर्शन, पृ० 382-383 61. उत्तराध्ययन, 28/31 22. उद्धृत-जैन स्टडीज, पृ० 132-133 62. आचारांग, 1/5/5/163 23. विस्तृत विवेचना के लिए देखिए जैन स्टडीज, पृ० 126- / 63. मूलाचार, 2/52-53 127 एवं 201-215 64. रत्नकरण्डक श्रावकाचार, 12 24. गीता, 18/21-22 65. पुरुषार्थ०, 24 25. बृहदारण्यकोपनिषद्, 4/4/19 66. रत्नकरण्डक श्रावकाचार, 13 26. ईशावास्योपनिषद्, 6-7 67. वही, 14 27. विवेकचूड़ामणि-मायानिरूपण, 111 68. पुरुषार्थ०, 27 28. विशेषावश्यकभाष्य, 1787-90 69. रत्नकरण्ड श्रावकाचार 16 29. अभिधानराजेन्द्र, खण्ड 5, पृष्ठ 2425 70. पुरुषार्थ०, 30 30. वही, खण्ड 5, पृष्ठ 2425 71. आत्मा छे, ते नित्य छे, छे कर्ता निजकर्म। 31. सम प्राब्लम्स इन जैन-साइकोलाजी, पृष्ठ 32 छे भोक्ता वली मोक्ष छे, मोक्ष उपाय दुधर्म।। 32. अभि० रा०, खण्ड 5, पृ० 2425 -आत्मसिद्धिशास्त्र (श्रीमद् राजचन्दभाई) 33. तत्त्वार्थसूत्र 1/2 72. मज्झिमनिकाय, 1/5/7 34. उत्तराध्ययन 28/35 . 73. वही, 1/4/8 35. सामायिक सूत्र-सम्यक्त्व पाठ 74. विसुद्धिग्ग, पृ० (भाग-१) 36. देखिए स्थानांग, 5/2 उद्धृत-आत्म-साधना संग्रह, पृ० 143 75. वही, 17/15 37. आवश्यकनियुक्ति, 1163 76. वही, 17/2-4 38. जैनधर्म का प्राण, पृ० 24 77. वही, 4/40 39. नन्दीसूत्र, 1/12 78. वही, 7/21-23 40. उत्तराध्ययन, 28/30 79. वही, 7/16 41. आचारांग, 1/3/2 80. वही, 18/65-66 42. सूवकृतांग, 1/8/22-23 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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