Book Title: Jain Pooja Kavya Ek Chintan
Author(s): Dayachandra Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 382
________________ 247, दीपावली महोत्सव पूजा पं. कमलकुमार शास्त्री। 248. भक्तामर काव्य प्रवचन श्री कहान जी। 249. पूजनपाठ प्रदीप स, पं. होरालाल कौशल। 250. तेरहद्वीप विधान अज्ञात। अपि च : जैन भक्तकवि 'राजशेखर सूरि'--वि, सं. 1405 से लेकर कवि 'अजयराज पारणी वि. सं. 1794 तक 90 भक्तकवि हुए हैं जिन्होंने हिन्दी में जैन भक्ति (पूजा) काव्यों की रचनाकर भारतीय हिन्दी साहित्य के विकास में पूर्ण सहयोग दिया है। । डॉ. प्रभसागर जैन : प्रवांक्त गन्ध, पृ. 22. अनुक्रम प्रकरण । kti :: न गृजा कान्य : एक चिन्तन

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