Book Title: Jain Heritage and Beyond
Author(s): Shailesh Shah
Publisher: Oshwal Associations of The UK

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Page 172
________________ ***** स्तवन तभे सावभे रे तभे खाव रे जोशवास सेन्टर भुडाभे, भारा महावीर स्वामीना धामे, लजभेागणिया मां छांटभे रे डेसरना छांटशीया, मांडुना छांटशिया, सजभे अगणिया तभे जावभे रे........ महावीर प्रभु नी जांगी रथभे, लर्धने ताभ डूल जांगी जेवी सुंदर स्थभे, थाय नहि रे लूल जांगी शोलती रे, हेरासर शागारो, मां हीवडा प्रगटावो, सजभे अगणिया तभे जावभे रे..... सोना ३पाना डूल जाने महावीरस्वाभीने वधावो, साया हेवनी लति डरवा जोशवास सेन्टरमा जावो थै थै नाय रे, महावीरस्वामीना यरो जेनी लतिना साधारे लजभे अगणिया तभे जावभे रे.... अवसर जा सुंघर जाव्यो हेतथी भवभे नश्वर छे भानव तन, आा वात ना विसरशो लति लावथी रे मानवता महेडावो, महावीरस्वामीना यरामा जावो, लजभे अगणिया. तभे जावभे रे जोशवाल सेन्टर भुडाभे, भारा महावीर स्वामी ना धामे, सजभे अगणिया. सेभा छांटने रे प्रेसरना छांटशीया, मांडुना छांटशीया, सजभे अगणिया सजभे अगणिया ... 179

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