Book Title: Jain Dharmvar Stotra
Author(s): Bhavprabhsuri, Hiralal R Kapadia
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 192
________________ नाम जयतसी जयभूषण जितशत्रु जीतकल्प जीवाभिगम जैन जैनतर्कपरिभाषा जैनधर्म वरस्तोत्र जैमिनीय जो (यो) गवाशिष्ट (ष्ठ) ज्ञाता ज्ञाताधर्मकथा ज्ञानाङ्कुश ज्येष्ठा टाक ठाणांग ढढेर ढेलड तक्षशिला तंदुल (वे) यालिय तारा तिलोत्तमा तेजः पाल त्रिपुरारि त्रिपृष्ट दक्ष जैन • स्तो० २२ Jain Education International ट ठ ढ त विशिष्टनामसूची पृष्ठाङ्कः १२६ | दण्डक ११६ | दधिवाहन ३०-३२,५० दमयन्ती ९४ दयाल ९४ दशकन्धर नाम ९६ | दशरथ ३,९५ दशवैकालिक १,१२५,१२६ दशाश्रुतस्कन्ध ९६ दुरित ८६ दुर्वास ६५ | दुष्काल ९४ | दूताङ्गद ८० | देवपत्तन ११० देवदत्त देवसूरि ९,१३,१४,२७ | देवेन्द्रस्तव दोसीश्री द्रोणाचार्य द्रौपदी द्वात्रिंशद् ० द्वात्रिंशिका द्वारवती ९४ १२६ ६७ ११८ ९४ ११ धन ८४ धनपति ७८ धनवती ८५ धनवाह ३२ धन्यक घम्मिलक ८५ धरणक For Private & Personal Use Only ध १६९ पृष्ठाङ्कः ३२ ४५,११० ७४ ७० ११३ ११२ ६३,९४ ९४ ९८ ८२ ४२ ११३,११४ ४३ ६४ १०० ९४ १२६ ७४ ११,६५,१०९ १२४ ७७ ९८ ९८ ६९ ६४ ४५ ४७ ६१ ७८ www.jainelibrary.org

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