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चित्र सं० ५
धर्मचक्र के दोनों ओर मुनियों की दो बैठी हुई प्रतिमाएँ हैं जिनके बाएँ हाथों में रजोहरण और दाहिने हाथों पर कम्बल प्रदर्शित है। बाएँ हाथ की ओर पुनः दो मुनियों के अंकन हैं जिनके बाएँ हाथों में रजोहरण एवं दाहिने हाथों में कम्बल प्रदर्शित है। इसी प्रकार
दाहिनी ओर दो साध्वियों की प्रतिमाएँ हैं जो अपने बाएँ हाथ में रजोहरण लिये हुए हैं। ( ईस्वी सन् द्वितीय शताब्दी )
सौजन्य : अमेरिकन इन्स्टीट्यूट ऑफ इण्डियन स्टडीज़, रामनगर, वाराणसी।