Book Title: Jain Bauddh aur Hindu Dharm ka Parasparik Prabhav
Author(s): Sagarmal Jain
Publisher: Z_Sagar_Jain_Vidya_Bharti_Part_3_001686.pdf

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Page 30
________________ जैन, बौद्ध और हिन्दू धर्म का पारस्परिक प्रभाव 59 हरिकेशीबल, मेतार्य, मातंगमुनि आदि अनेक चाण्डालों के मुनि होने और मोक्ष प्राप्त करने के उल्लेख हैं। __ सन्दर्भ 1. उत्तराध्ययन, 25/27,21. 2. धम्मपद, 401-403. 3. उत्तराध्ययन, 12/44. 4. अंगुत्तरनिकाय, सुत्तनिपात उद्धृत भगवान् बुद्ध ( धर्मानन्द कौसाम्बी ), पृ० 26. 5. देखिये - भगवान बुद्ध ( धर्मानन्द कौसाम्बी ), पृ०, 236-239. 6. गीता, 4/33, 26-28. 7. उत्तराध्ययन, 12/46. 8. उत्तराध्ययन, 9/40, देखिये - गीता ( शा० ) 4/26-27. 9. धम्मपद, 106. 10. सम्बोध प्रकरण, गुर्वाधिकार. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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