Book Title: Jagatkartutva Mimansa
Author(s): Balchandra Maharaj
Publisher: Moolchand Vadilal Akola

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Page 111
________________ ॥ विज्ञापन ॥ reonon . निराकरण-निर्णय । इस ग्रन्थ में दिगम्बर श्रावक तात्या नेमिनाथ पांगले के असत्य आक्षेपों का उत्तर दर्ज है और श्वेताम्बर जैनधर्म का प्राचीनत्व सप्रमाण सिद्ध करके बतलादिया गया है । यह ग्रन्थ श्रीयति महाराज श्रीवालचन्द्रजी रचित है; डेमी आठपेजी पाँच फारम का ग्रन्थ है तथापि मूल्य केवल दो आने रक्खे गए हैं । मँगानेवाले शीघ्रता करें। मिलने का पतापृथिवीराजजी रतनलालजी मुहता Co. ताजना पेठ - आकोला (बराड़)

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