Book Title: Haimanamamalasiloncha
Author(s): Jindevsuri, Vinaysagar
Publisher: L D Indology Ahmedabad
View full book text
________________
हैमनाममालाशिलोच्च्छान्तर्गतशब्दानां दीपिकाकारोद्धृतपर्यायरूपशब्दानाच अकाराद्यनुक्रमः
[ 'टी' शब्दाङ्किताः शब्दाः दीपिकाकारेणोद्धृताः सन्ति ।
शब्द
पद्याङ्क
अकूवारः
अक्षः
अक्षा
अगस्
अगस्
अगुरुः
भमिः
अभिशिखम्
अग्निहोत्री
अग्नोन्धन
अग्न्याहितः
अप्रज:
अग्रिमः
अङ्ग ज:
अङ्गणम्
अङ्गिका
अङ्गिरसः
अङ्गीकारः
अङ्गीकृतम्
अगूषः
अङ्घ्रिः
अङ्घ्रिपः
अच्युतदेवी
अजः
अजकवम्
अजगवम्
भजगावम्
भजितबला
अजिता
अजिरम्
Jain Education International
अ
टी.
टी.
टी.
टी.
टी.
टी.
टी.
टी.
टी.
टी.
टी.
परिशिष्ट १
टी.
९६
१०३
४६
५
९०
५१
१००
५१
७२
533333 5 27
७१
७२
४४
४४
४५
८७
५५
१०
१८
१३४
१०९
४८
१००
४
११३
१४
१४
१४
४
४
८५
अजिरम्
अटरूषः
अटरूषकः
भटाटा
अट्या
अणसः
अति
अतिथि:
अतिसार की
अतीसारकी
अत्कः
अत्यल्पम्
अद्मतिः
अद्रिकाकः
अधमम् अधिकाङ्गम्
अधियाङ्गम्
अनङ्गम्
अनर्गलम्
अनिन्द्रियम्
अनुः
अनुक्रमः
अनुगः
अनुगामी
अनुतर्षः
अनुराधा
अनुशयः
अनूनम्
अनूराधा
कं
For Private & Personal Use Only
टी.
टी.
टी.
टी.
टी.
टी.
៥.៤៩៦៦
अध्वनीनः टी. अधोवाटिक (भावा) टो.
ढी.
टी.
टो.
टी.
टी.
८६
१०२
१०२
१३५
१३५
११७
१३८
३९
३३
३३
१२३
१२८
१०९
११८
१२९
६६
६६
३९
२४
१२
१३१
१२४
१२४
१३५
३८
३८
७९
१०
१२५
१२८
१०
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170