Book Title: Gyanpushpa
Author(s): Taran Taran Gyan Samsthan Chindwada
Publisher: Taran Taran Gyan Samsthan Chindwada

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Page 210
________________ १९५ मॉडल, श्री तारण तरण मुक्त महाविद्यालय प्रश्न द्वितीय वर्ष (परिचय) 4.पत्र तृतीय प्रश्न पत्र - साधना समय -३ घंटा पूर्णांक - १०० नोट : सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य है। शुद्ध स्पष्ट लेखन पर अंक दिए जावेंगे। प्रश्न १ - रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए - (अंक २४५=१०) (क) परमात्म स्वरूप की निरंतर भावना भाना............. लेश्या वाले जीव का लक्षण है। (ख) निज शुद्ध चैतन्य प्रतिमा का दर्शन ही............. प्रतिमा है। (ग) गृहस्थी के कार्य में न चाहते हुए होने वाली हिंसा को................ कहते हैं। (घ) शद्धोपयोगमयी............. संसार रूपी भंवर को विनष्ट करने वाली है। (ङ) अपना ममल स्वभाव............. को जानने वाला है। प्रश्न २- सत्य/असत्य कथन चुनकर लिखिए (अंक २४५=१०) (क) कर्म स्वभाव से क्षय होने वाले हैं। (ख) संसारी जीवों को प्रसन्न करना जनरंजन रागभाव आत्महितकारी है। (ग) परम सहावेन कम्म विलयंति। (घ) अप्पा अप्प सहावं, अप्प सुद्धप्प विमल परमप्पा। (ङ) तीन काल में शुद्ध निश्चय नय से मैं आत्माशुद्धात्मा परमात्मा हूँ। प्रश्न ३ - सही जोड़ी बनाइये - स्तंभ-क स्तंभ-ख (अंक २४५= १०) सत् अपलाप राग-द्वेष से निवृत्ति असत् का उद्भावन विद्यमान को अविद्यमान मानना अन्यथा प्ररुपण हिंसा में धर्म बताना गर्हित वचन अविद्यमान को विद्यमान कहना मोक्ष निंदनीय कलहकारक वचन प्रश्न ४ - सही विकल्प चुनकर लिखिये (अंक २४५= १०) (क) एक ही समय में जानने और परिणमन करने के कारण आत्मा को--कहते हैं (१) शुद्धात्मा (२) चैतन्य (३) समय (४) ममल (ख) पापों के एकदेश त्याग को कहते हैं- (१) अणुव्रत (२) शिक्षाव्रत (३) शुद्धव्रत (४) महाव्रत (ग) अपने से भिन्न पर पदार्थों में ममत्व बुद्धि है-(१) क्रोध (२) हिंसा (३) परिग्रह (४) चोरी (घ) शोभनीक मंगलीक विशेषता किसकी हैं- (१) शास्त्र (२) जिनवाणी (३) धर्म (४) गुरु (ङ) शुद्धात्मबोधक उत्पन्न अर्थ का प्रतीक है - (१) ॐ (२) ही (३) श्रीं (४) अर्ह प्रश्न ५ - किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर लगभग ३० शब्दों में लिखिये - (अंक ४४५-२०) (१) पर्याय में शुद्धता कैसे प्रगट होती है? (२) कमल स्वभावी आत्मा की क्या विशेषता है? (३) आत्मधर्म की क्या महिमा है? (४) अनुराग भक्ति प्रतिमा किसे कहते हैं? (५) कर्मादि को जीतने का मूल आधार क्या है? (६) कललंकृत हो कम्म न उपजे का क्या अर्थ है ? प्रश्न ६ - किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर लगभग ५० शब्दों में दीजिये (अंक ६४५= ३०) (१) अणुव्रत, गुणव्रत, शिक्षाव्रत में अंतर बताइये। (२) कृष्ण और कापोत लेश्या में अंतर बताइये। (३) सामायिक शिक्षाव्रत और सामायिक प्रतिमा में अंतर बताइये। (४) सम्यक्चारित्र के भेद समझाइये। (५) सम्यग्दृष्टि कौन सी भावनाए भाता है, उनका स्वरूप क्या है ? (६) कर्म के बंध और निर्जरा में मूल कारण क्या है? प्रश्न ७ - किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग २०० शब्दों में लिखिये - (अंक १x१०=१०) (अ) श्री कमल बत्तीसी जी ग्रंथ का सारांश लिखिए अथवा ग्यारह प्रतिमा का स्वरूप समझाइये।

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