Book Title: Gobhil Gruhya Sutram
Author(s): Chandrakant Tarkalankar
Publisher: Calcutta Rajdhani
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पृष्ठे।
सूत्रं ।
पृष्ठे। सूत्रं । अपरश्वोवा ... ... ... ६१७ अवान्तरदेशेषु ... ... ७२१ अपरिमितं ... ... ... २१ अभिधारयत्यवदानानि ... २५१ अपरेण कधूः
६२५ अभितश्चत्वार्युपलिम्पन्ति ५४६ अपरेणाग्निमानडुइं
३१७ अभिवादनीयं ... ... ४२० अपरेणामिमोदको- ... ३११ अभूनोदूतो.... ... ... ६५५ अपाच्चैवोपरिक्षात् ... ... ५६६ अमन्त्रानित्यौदाहमानिः ... ५८५ अपि वा कुम्भादा ... ... ५७ अमावस्यायां ... ... ६६६ अपि वा गोर्यास- ... ... ६१३ अमुष्मै त्वा ... ... अपि वा नमाविष्णवइति २२६ अमोघं ... ... ... अपिवान्योब्राह्मणः ... १५४ अयुदान्तं ... ... ... अपिवान्यं मथित्वा ... ... ५२ अरण्ये प्रपदं ... ... अपि वा वजयाजिन- ५१ अरिएं सामअपि वा यज्ञियाना- ... २७५ अरुन्धतीच ... ... अपि वाऽरण्ये कक्ष- ... ६१३ अर्द्धमासमभुक्त्वा ... अपि वाऽरण्ये तिष्ठे- ... १६६ अर्यमणं ... ... ... अपि वा सायं ... ... ५७ अलक्ष्मीनिर्णोदः अपि वा स्थालीपाकं ६१२ अलाभे वा ... अपि वा हिताग्ने- ... २६० अविमिथुनं ... ... अपिह सुदाः... ... २७२ अविमिथुनयोः ययः पानाय ... ... ... ६०० अशक्ती वा ... अप्यपरवान्ततो- ... ... २७६ अश्वत्थादग्निभयं अस पिण्डान् ... ... ... ६५५ अश्वमिथुनं ... ... ... १४० अवद्यन्त्यवदानानि ... ६०६ अटकामावस्यासु ... ... अवलेखन- ... ...
अटकायै खाहेति ... ... अवसिक्तायाः ... ... ३१३ अटका रात्रिदेवता अवजवादी ... ... ... २१२ अरग्रहीतं ... ... ... ७१८
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