Book Title: Forgiveness Author(s): Pradeep Kumar Publisher: Pradeep Kumar View full book textPage 4
________________ अध्यात्म की क्षमा : Kshama is the true nature(swabhav) of our soul (Atma) so if you are in bebhav you are collection Karma. अधयात्म में क्षमा का कोई स्थान नहीं है तुम एक शुद्ध आत्मा हो और कर्म हे दःख और सुख तुम्हारी आत्मा मे उत्पन्न करने वाले है कर्म तुम्हारे नहीं है सिर्फ आत्मा हे तुम हो!! इसलिए क्षमा का भी कोई स्थान नहीं है अगर कोई तुमे कुछ बुरा वचन कहता है तो वह तो पुत्गल के ही परमाणु है- जेसे मुनि की निंदा और प्रशंशा में मुनि सदा समय भाव रखते है। अगर तुहारे शरीर को तकलीफ देता है तो शरीर तो तुम्हारा नहीं है जेसे - मुनि सुकमाल स्वामी को तो ३ दिन तक सियालनी खाती रही पर वे अपने स्वरूप से नहीं डिगे.Page Navigation
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