Book Title: Economics of Mahaveera
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 165
________________ LIVELIHOOD WITH RELIGION: LIMITS TO DESIRES मुसावाओ पडिविरया जावज्जीवाए, सव्वाओ अदिण्णादाणाओ पडिविरया जावज्जी वा सव्वायाओ मेहुणाओ पडिविरया जावज्जीवाए, सव्वाओ परिग्गहाओ पडिविरय जावज्जीवा । इह खलु पाईणं वा पडीगं वा उदीगं दाहिणं वा संतेगइया मणुसा भवंति, जग - अप्पिच्छा अप्पपरिग्गहा धम्मिहा धम्माणुया धम्मिट्ठा धम्मक्खाई धम्मप्पलो धम्मपलज्जणा धम्मसमुदायारा धम्मेणं चेव वितिं कप्पेमाणा विहरंति सुसीला सुव्वय सप्पड़ियाणंदा सुसाहू, एगच्चाओ पाणाइवायाओ पडिविरया जावज्जीवाए, एगच्चाअ अप्पडिविरया । एगच्चाओ मुसावायाओ पडिविरया जावज्जीवाए एगच्चाओ अप डिविरया । एगच्चाओ अदिण्णादाणाओ पडिविरया जावजीवाए, एगच्चाओ अप्पडि विरया । एगच्चाओ मेहुणाओ पडिविरया जावज्जीवाए एगच्चाओ अप्पडिविरया एगच्चाओ परिग्गहाओ पडिविरया जावज्जीवाए एगच्चाओ अप्पडिविरया ।' १. सूर्यगडो - २ / २-५८.६३,७१ Jain Education International 149 For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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