Book Title: Dharmshastra ka Itihas Part 1
Author(s): Pandurang V Kane
Publisher: Hindi Bhavan Lakhnou
View full book text
________________
८ • धर्मशाला का इतिहास बहिराहरण ५२६ बलिहरण ४०६ बल्लालसेन ६४, ८१ बहुपत्नीकता ३१२ बहुमत कता ३१४ बाण २६ बाबा पाध्ये १६ बालक ७५ बालकृष्ण १५ बालम्भट्ट ७३, ९५ बालरूप ७१ बार्हस्पत्य ३२ बाहुदन्तिपुन .३२ बाह्य १३४
ब्रह्मसूत्रमाण १९ ब्रह्महा ४८७ ब्रहमा ४३ ब्रह्मावर्त १०७ ब्राह्मण १५०, १५३, १५४, १५५,४६२ ब्राह्मण-वृत्ति १४४ बाह्म-विवाह ६
बुरुड १३४ बुहलर ८,१६, १७, २७, ३२, ४६ बृहत्कथा २६ बृहत्कात्यायन ५६ बहत्पराशर ५५ बृहत्प्रचेता ६२ बृहत्संवर्त ६५ बृहद्गौतम १३ बृहद्याज्ञवल्क्य ५३ बृहदारण्यक २० बृहदारण्यकोपनिषद् १७३ बुहन्नारद ५६ बृहन्मनु ४७ बृहस्पति ८, ३६, ५६ बेबर २७ बौधायन ८,६ बौधायन-धर्मसूत्र ८, १२३, ४१७ ब्रह्म ११० ब्रहमकण्टक ४८७ ब्रह्मयज्ञ ३८५ ब्रह्मर्षिदेश १०७ ब्रह्मवरण ५३०
भगवद्गीता ४, १०२ भट १३४ भट्टस्वामी ३४ भट्टोजिदीक्षित २२, ५५ भण्डारकर (डॉ०) ५६ भरद्वाज ३०, ३६ भरधवस १०७ भर्तृ यज्ञ ६६ भवदेव भट्ट ७४ भविष्यपुराण १३ भस्मांकुर १४१ भारतवर्ष १०७ भारदाज ३०, ३६ भारुचि २५, ६८ भाल्लवी १४ भाष्य ६५. भिल्ल १३४ भिषक् १३४ भिक्षा १५४ भीष्म ३३ भूतयज्ञ ४०६ भूप १३४ भूमि-दान ४५६ भूर्जकण्टक १३४ भूस्वामित्व ४५८ मुज्जकण्ठ १३४ भोज १३४ भोजन ४१३, ४१५, ४१७, ४१८, ४२८, ४३१ भोजप्रबन्ध ७०
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614