Book Title: Dhammapada 05
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Rebel Publishing House Puna

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Page 286
________________ तम बुद्ध पारंपरिक नहीं हैं, मौलिक हैं। वे से ऐसा नहीं कहते हैं कि अतीत के ऋषियों ने / ऐसा कहा था, इसलिए मान लो। वे ऐसा नहीं कहते हैं कि वेद में ऐसा लिखा है, इसलिए मान लो। वे ऐसा नहीं कहते हैं कि मैं कहता हूं, इसलिए मान लो। वे कहते हैं, जब तक तुम न जान लो, मानना मत। उधार श्रद्धा दो कौड़ी की है। विश्वास मत / करना, खोजना। अपने जीवन को खोज में लगाना। A REBEI COOK

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