Book Title: Development And Impact Of Jainism In India And Abroad
Author(s): Gunvant Barvalia
Publisher: Arham Spiritual Center

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Page 216
________________ Jain Diwakar Smaraka, Sagod Road, Ratlam is another important collection which is recently discovered and catalouged by us and having 1900 Manuscripts. There is a copy of Kalpsutra scribed 521 years back in Vikram Samvat 1548. निट्टान्ताधिश पुरबाटशभूषण बन्ददेवेन्द्रदृदाच्यं नाभेयनिनभास्कर यननाना सुभिनित्य लोकालोकप्रकाशित सस्तीविरुद्वद्वाणानिधि षङ्गानामधिम-बन्छ बेलारूपपद्मसन्निभ विधाममा जैनशास्त्रवोधनी श्रीमती निनादेवता = नेमिचन्द्र नमाम्यह यस्यप्रसाद तोविध दस्तस्तामलकीपन विभातिविशदकीति यस्वलोक्य वर्त्तिनी नमस्तस्यैमुनीन्द्राय श्री पीय आकार सविद्याना धर्ममार्गदिवाकरः धम्माकर इतिख्यातमुनिःस्मयादिनस्य मिध्यात्वाद्यारिसनामा रमनारव्यों जीवादागमपारयः अयपचगुरुन्नत्वा वयसंस्कृत नाबालक यंत्रीक मनतनयस्यं नर्मिदेवस्य अभ्ययंनगारखा पर्यायभव्यवसाय देशमा मनतस्वदे 'जनन्मयेषुरिवाभाति लोकसंख्य प्रदेशक लोपत्रसघाती द्रव्याणाय गान्मना स लोकः रुच्यनेमद्रि लोकशानबिदाबदे श्रनादिनिधनास स्वत्युत्पत्तिव्ययात्मक विचित्राक संस्थानो नकेनातिविनिम्मित ..अयोध्याभेदेन सोति तस्योत्सवादिसख्याय तावन्माननिय नमानलौकिक मोक लोकीभर मिनिट्टिया लोकिक लोकानु सरक यथा . को १ देश १० शन १०० नाय सदस्य १००० मयुन १०००० ततः कम १००००० हि प्रयुत १०००००० कोटि १००००००० दशघ्राश्रोतरोतर अन्यस्प्रस्तुला शातव्यलोकनीयया मानलोकांनरनमै धनुर्भेदंनिगद्यते प्रथमद्रव्यमानस्यात् क्षेत्रमानद्वितीय, तृतीयकालमान Name of District Ashoknagar Barwani Betul Bhind Bhopal Development & Impact of Jainism in Madhya Pradesh Burhanpur Chhatarpur Chhindwara Damoh Datia Dewas Dhar Guna Gwalior Harda + First page of Trailokya Dipaka No. of Bhandars 07 03 03 19 02 01 25 04 15 07 16 11 08 09 01 207 २३ 933 No of Manuscripts 2,366 218 177 1,661 80 183 3,318 138 478 1450 1,540 2,254 842 3,724 154

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