Book Title: Descriptive Catalogue of Palmleaf and Paper Manuscripts
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Page 177
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 123 DESCRIPTIVE CATALOGUE OF MANUSCRIPTS. 217 Dh. 72 हारभक्तिविलासः or भगवद भक्ति विलासः ___By गोपालभट्ट, Part II Substance-Palm leaf, No of folja 156 (18.1" x 1.4") CharacterOriya, Date of copy is not given, Condition-good, Complete, Find spot- Parlakhemundi, Dt. Ganjam, Orissa Beginning श्रीकृष्ण शरणम् वन्दे चैतन्यरूप तं भगवन्त यदिच्छा / प्रलभं नतते चित्त लेखरले जडोऽव्ययम् / / End श्री नन्दनन्दन सुगन्धपदारविन्द . प्रेमामृताब्धि रसतुन्दिल मानसा थे। नात्मार्थवृन्दमनुसंदधते नच स्व तेषां पदाब्ज़मकरन्दमधुव्रतः स्याम् | इतिश्री गोपालभटट विलिखिते श्री भगवद्भक्तिविलासे प्रासादिको नाम विंशो विलासः। Culophon - शकाब्दे पनषट शकसंख्ये सूर्ये तुलां गते / वृन्दावनान्त गन्थोऽयं नन्दवासे समापितः। समाप्तोऽय द्वादशसहस्र भगवद्भक्तिविलासो नामग्रन्थः / श्री रामाय नमः। Topics- एकादशी निणयोनाम द्वादशो विलास: / विष्णुव्रतोत्सवो नाम त्रयोदशो विलासः / पाण्मालिकोनाम चतुर्दशो विलासः / दिव्याविर्भावो नाम पचदशो विलासः | दामोदरप्रियो नाम षोडशो विलासः / पौरश्वरणिकोनाम सप्तदशो विलासः। मूतिप्रादुर्भाबोनाम अष्टादशो विलासः / प्रातिष्ठिको नाम एकोनविंशो विलासः 1 प्रासादिकोनाम विंशोबिलासः। for pirata and Personal use only For Private and Personal Use Only

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