Book Title: Dada Bhagvana Kaun
Author(s): Dada Bhagwan
Publisher: Mahavideh Foundation

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Page 40
________________ क्षेत्रो में विहरमान 'तीर्थंकर साहिबों' को अत्यंत भक्तिपूर्वक नमस्कार करता हूँ। * वीतराग शासन देव-देवीयों को अत्यंत भक्तिपूर्वक नमस्कार करता हूँ। * निष्पक्षपाती शासन देव-देवीयों को अत्यंत भक्तिपूर्वक नमस्कार करता प्रात:विधि * श्री सीमंधर स्वामी को नमस्कार । * वात्सल्यमूर्ति श्री दादा भगवान को नमस्कार । * प्राप्त मन-वचन-काया से इस जग के कोई भी जीव को किंचित्मात्र भी दुःख न हो, न हो, न हो। * केवल शुद्धात्मानुभव के सिवा इस जग की कोई भी विनाशी चीज मुझे नहीं चाहिए। * प्रगट ज्ञानी पुरुष 'दादा भगवान' की आज्ञा में ही सदा रहने की परम शक्ति प्राप्त हो, प्राप्त हो, प्राप्त हो। * ज्ञानी पुरुष दादा भगवान के वीतराग विज्ञान का यथार्थता से, संपूर्ण रूप से, सर्वांग रूप से केवल ज्ञान, केवल दर्शन और केवल चारित्र्य में परिणमन हो, परिणमन हो, परिणमन हो। * चौबीस तीर्थंकर भगवंतो को अत्यंत भक्तिपूर्वक नमस्कार करता हूँ। नमस्कार विधि * प्रत्यक्ष दादा भगवान की साक्षी में वर्तमान में महाविदेह क्षेत्र में विचरते, तीर्थंकर भगवान श्री सीमंधर स्वामी को अत्यंत भक्तिपूर्वक नमस्कार करता हूँ। (४०) * 'श्री कृष्ण भगवान' को अत्यंत भक्तिपूर्वक नमस्कार करता हूँ। (५) * भरत क्षेत्र में हाल विचरते सर्वज्ञ 'श्री दादा भगवान' को निश्चय से अत्यंत भक्तिपूर्वक नमस्कार करता हूँ। * 'दादा भगवान' के सभी समकितधारी महात्माओं को अत्यंत भक्तिपूर्वक नमस्कर करता हूँ। * सारे ब्रह्मांड के जीवमात्र के रीियल' स्वरूप को अत्यंत भक्तिपूर्वक नमस्कार करता हूँ। (५) * 'रियल' स्वरूप वही भगवद् स्वरूप है। इसीलिए सारे जग को 'भगवद् स्वरूप में दर्शन करता हूँ। * 'रियल' स्वरूप वही शुद्धात्मा स्वरूप है। इसीलिए सारे जग को 'शुद्धात्मा स्वरूप' में दर्शन करता हूँ। * 'रियल' स्वरूप वही तत्त्व स्वरूप है। इसीलिए सारे जग को तत्त्वज्ञान' से दर्शन करता हूँ। (वर्तमान तीर्थंकर श्री सीमंधर स्वामी को परम पूजनीय श्री दादा भगवान के माध्यम द्वारा प्रत्यक्ष नमस्कार पहुँचते है। कौसमें लिखी संख्या के अनुसार प्रतिदिन एक बार पढें।) * प्रत्यक्ष दादा भगवानकी साक्षी में वर्तमान में महाविदेह क्षेत्र और अन्य क्षेत्रो में विचरते 'ॐ परमेष्टि भगवंतो' को अत्यंत भक्तिपूर्वक नमस्कार करता हूँ। * प्रत्यक्ष दादा भगवान की साक्षी में वर्तमान में महाविदेह क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में विचरते 'पंच परमेष्टि भगवंतो' को अत्यंत भक्तिपूर्वक नमस्कार करता हूँ। * प्रत्यक्ष दादा भगवान की साक्षी में वर्तमान में महाविदेह क्षेत्र और अन्य (५)

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