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२५४ | १५ चैत्यवंदना २५५ २ कद २५६
चैत्यवंदना कही कम स्तथा
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| १५ लोगेया
राजने नपर शलनो वंनानो
कोई २६६ ६ पूर्वपक्षिना
निःकेवल
मुस्तक २६ए ३ कहेतेहे २६ए गर्दननी २६५ १७ | कोश
जंव
प्रतीयत्ते २७३ ए चत्य
शादीयोथी १२ चार थु २७२ चोथिथुइ २७२ १५ कोई
लोगया राजाने ऊपर शब्द वंदनानो कोई पूर्वपीना निष्केवल मस्तके कहतेहै गहनना
कोई
जंच प्रतीयते
चैत्य
२००
सादियाँथी चार थुई चोथी थुई | कोई