________________ 3 हस्तवालपकरण कारिका. (रिजन ने मध्य ettactAI ). 24- 25. A. आर्यवरामसीन ... .... ..... M 4 हस्तवाल वृत्ति २४०-१६०९-भौर्य देव यानी श्रीमतिम (iginal हस्ताभववृत्ति) . सं० श्री कूटरसित (भोरीया. 5 मध्यमक भमघात नाम 26 ४५-२९AMARमामयानालन्दामहाविहारे नम्बृद्दीप राजस्य सुख ' चर्यस्य (अथवा उदयी, सदा वितत्यारचितम् दीपंकर श्री ज्ञान 1. जयशील . 6 शान सार समुच्चय नाम 29.5- 341 3. A. आर्य देव कृष्णव धर्मपत 7 // // निबन्धन नाम 31 13-5373. 4. बोधिमद शांतिम .. धर्मपत 8. प्रज्ञा प्रदीप मूलमध्यमकवृत्ति 5373-316 16. ( 6000 लोक' 20 खण्ड / की व्यवसभावविवेक) 27 प्रकरण भोगात U- सुंदिभ नाम .. 1. महायान माध्यमिक ज्ञानगमः / नागध्वज 9 मध्यम करलप्रदीप नाम: 3267.6-3650 - भव्य भावविवेक #lean fincl! (भाविविका अक्षय पंकर ज्ञान 10 वीर्य सिंह सोमपुरीnaethi Tome XIX (Jibetain. 238). 1 मध्यम कहदय कारिकाः 1-43B7.(11 परिच्छेद).. A. भव्य (भाविविक्त). TAपंकर श्रीशान, जयशी उ 6171/- 650 A.D. रावसाय min r.N ना 2 5 नाना विeni nनु यो ले. 2 मध्यम क हृदयवृत्ति तर्कज्वाला. 639 7-38007 ( 27 रवण्ड, 11 पारच्छेद). A. भव्य (भाविवेक). T. 1 स aai 3 मध्यमक प्रतीत्यसमुत्पाद नाम: 3 8.37 . 3068.5. कृष्णा 4 मध्यम C. A. त्यास ( Har 17 वव 7thi.151जयपाल