Book Title: Bharatiya Vangamaya me Dhyan Yoga
Author(s): Priyadarshanaji Sadhvi
Publisher: Z_Sadhviratna_Pushpvati_Abhinandan_Granth_012024.pdf

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Page 31
________________ (ट) विशेषावश्यकभाष्य गा० 3051 एवं टीका पृ० 242 / (ड) प्रशमरतिप्रकरण गा० 274-275 एव टीका, 278-280 / .8, (क) जैनदृष्टया परीक्षित पातञ्जलयोगदर्शनम् 1/17-18 / (ख) योगबिन्दु गा० 418 / . पातञ्जल योगदर्शनम् 1/17 / ......... 10. (क) जैनदृष्टया परीक्षित पातञ्जल योगदर्शनम् 1/17, 18 / (ख) योगबिन्दु 420-21 / 3. तत्त्वार्थ सूत्र 6/44 / / 3. पातञ्जल योगदर्शन 1/42-44 / 3. विसुद्धिमग्ग भा० 1 पृ० 134 / 34. तत्त्वार्थवार्तिक 6/44 / 31. (क) स्था० सू० 4/1/12 / (ख) ध्यानशतक गा० 60-62 / ॐ.. (क) स्था० सू० 4/1/12 / (ख) भगवती सू० 25/7 / 33. (क) स्था० सू०४/१/१२ / (ख) भगवती सू० 25/7 / (ग) ध्यानशतक गा० 88 / (घ) स्वामिकातिकेयानुप्रेक्षा गा०६६-७२, 38, 86 6. (क) आवश्यकनियुक्ति गा० 1465 / (ख) आवश्यकचूणि पृ० 215 (भा०२)। 16. (क) योगशास्त्र 7/8 / (ख) ज्ञानार्णव 25/17, 20 / (ग) स्वामिकातिकेयानुप्रेक्षा गा० 480 एवं टीका पृ० 369, 370, 367 / (घ) तत्त्वानुशासन (राम० से०) गा०४७-४८ / (ङ) ध्यानदीपिका (गु०) गा०६७ / (च) अभिधान राजेन्द्र कोश भा० 4, पृ० 1663 / / (छ) तत्त्वार्थवातिक 9/28 / (ज) उपासकाध्ययन 69/706-511 / (झ) श्रावकाचार संग्रह भा० 1 पृ० 406 / (अ) हारिभद्र योग भारती (मुनि जयसुन्दरविजय) टी० पृ० 8, गा० 2, 4, 8 / (ट) ध्यान विचार / -उद्धृत, नमस्कार स्वाध्याय (प्रा०वि०) पृ० 225-246 / 80. (क) ध्यानशतक (जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण) गा०६७-६८ / (ख) ज्ञानार्णव 25/7 / 81. उत्तरा० सू० 32/2 / 82 (क) योगशास्त्र 4/112 / (ख) ज्ञानार्णव (शुभचन्द्र) 25/2-4 / 83. विशेष जिज्ञासु लेखिका का 'जैन साधना पद्धति में ध्यानयोग' शोध प्रबन्ध देखें। 'भारतीय-बाङमय में ध्यानयोग : एक विश्लेषण' : डॉ० साध्वी प्रियदर्शना |. 356 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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