Book Title: Bharatiya Chintan ki Parampara me Navin Sambhavanae Part 1
Author(s): Radheshyamdhar Dvivedi
Publisher: Sampurnanand Sanskrut Vishvavidyalaya Varanasi

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Page 385
________________ भारतीय चिन्तन की परम्परा में नवीन सम्भावनाएं ४०-डॉ. राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय धर्मदर्शनविभाग विश्वभारती विश्वविद्यालय शान्तिनिकेतन (प० बंगाल) ४१-श्री राधेश्याम धर द्विवेदी तुलनात्मक धर्म-दर्शन सम्पूर्णानन्द संस्कृतविश्वविद्यालय, वाराणसी ४२-डॉ० रामचन्द्र पाण्डेय प्रो० एवं अध्यक्ष-दर्शन विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली ४३-डॉ० रामशंकर त्रिपाठी संस्कृत महाविद्यालय का० हि० वि० वि०, वाराणसी ४४-श्री रामशंकर त्रिपाठी अध्यक्ष-बौद्धदर्शन विभाग सं० सं० वि० वि०, वाराणसी ४५--डॉ० रामशंकर भट्टाचार्य ३८/८ हौजकटरा, वाराणसी ४६-डॉ० रेवतीरमण पाण्डेय दर्शन विभाग का० हि० वि० वि० वाराणसी ४७-प्रो० लालमणि जोशी अध्यक्ष-धर्मदर्शन संकाय पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला ४८-आचार्य पं० विश्वनाथ शास्त्री दातार प्राचीन राजशास्त्र एवं अर्थशास्त्र सं० सं० वि० वि०, वाराणसी ४९-डॉ० वी० के० राय ____k 67/74 ईश्वरगंगी, वाराणसी ५०-डॉ. वैद्यनाथ सरस्वती फेलो आई० सी० आई०, संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी ५१-प्रो० शान्तिभिक्षुशास्त्री शान्तिसदन, सरनलाज लक्कड़बाजार सोलन, (हि० प्र०) ५२-डॉ० संगमलाल पाण्डेय प्रो० एवं अध्यक्ष दर्शन विभाग प्रयाग विश्वविद्यालय, इलाहाबाद ५३-प्रो० समदोन रिन्पोछे प्राचार्य तिब्बती उच्चशिक्षासंस्थान सारनाथ, वाराणसी ५४-डॉसिद्धेश्वर भट्ट रीडर, दर्शनविभाग दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली . ५५-श्री सुधाकर दीक्षित प्राध्यापक, न्यायवैशेषिक विभाग सम्पूर्णानन्दसंस्कृतविश्वविद्यालय वाराणसी ५६-डॉ० सुनीति कुमार पाठक विश्वभारती विश्वविद्यालय शान्तिनिकेतन, (पं० बंगाल) ५७–श्री सेम्पा दोर्जे रीडर-तिब्बती उच्च शिक्षासंस्थान सारनाथ, वाराणसी ५८-स्व० आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी रवीन्द्रपुरी, बेलवरिया, वाराणसी ५९-६० सुब्रह्मण्य शास्त्री शङ्कराचार्यमठ हनुमानघाट, वाराणसी ६०-डॉ० हर्षनारायण रीडर-दर्शन विभाग नार्थ इस्टर्न हिल यूनिवर्सीटी शिलांग, (मेघालय) ६१-डॉ० हरिशंकर शुक्ल प्राध्यापक, पालिविभाग काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी ६२–डॉ० हरिशंकर सिंह दर्शनविभाग आर० डी० एन० डी० जे० कालेज मुंगेर, (बिहार) ६३-६० हेब्बार शास्त्री । सांगवेद विद्यालय रामघाट, वाराणसी परिसंवाद Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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