Book Title: Bharat ke Digambar Jain Tirth Part 4
Author(s): Balbhadra Jain
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
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४६. महुआ : विघ्नहर पार्श्वनाथ ।
सिमसोलिवारसांकि
प्रमादमूल संघे सरस्वतिला का साले कूट कीर्त्तिजिदवासत्याश्रीविद्यादिजिद
ना
इजिदे शरमन्यनाश्री ज्ञानुमा यात्री निदेइजि धार के पिता तथ
भवत्पलश्री सघोसर सुतीगलाकोरी दिवास्वा०श्रीमतील द्रोपदे आमा श्रीनाथज
४७. महुआ : दो शताब्दी पूर्वका दारुलेख ।

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