Book Title: Bharat ke Digambar Jain Tirth Part 1
Author(s): Balbhadra Jain
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 292
________________ २५४ भारतके दिगम्बर जैन तीर्थ मुख्य वेदी। ३१. वाराणसी-भदैनी घाटके मन्दिर और स्याद्वाद ४८. अयोध्या-दिगम्बर जैन बड़ा मन्दिरमें भगवान् महाविद्यालयके पृष्ठ भागका दृश्य।। ऋषभदेवकी २८ फुट ऊँची प्रतिमा। ३२. वाराणसी-भगवान सूपार्श्वनाथकी जन्मभूमि ४९. अयोध्या-प्राचीन दिगम्बर जैन मन्दिर कटराकी भदैनी घाटके मन्दिरकी वेदी। ३३. वाराणसी-भगवान् पार्श्वनाथके जन्मस्थल ५०. तीर्थकर धर्मनाथकी जन्म नगरी रतनपुरीके दिगम्बरजैन मन्दिरमें धर्मनाथ भगवान्की मूर्ति । भेलूपुरामें दिगम्बर-श्वेताम्बरोंका संयुक्त मन्दिर । ३४. वाराणसी-भेलूपुरा दिगम्बर जैन मन्दिरकी। ५१. रतनपुरी-भगवान् धर्मनाथके चरण-चिह्न, जहाँ मध्यवेदी। भगवान्का गर्भ-कल्याणक हुआ था। ३५. वाराणसी-उदयसेन खड़गसेनके जैन मन्दिरमें। ५२. दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र त्रिलोकपुर भगवान् नेमिनाथकी प्रतिमा। वि. सं. ११९७ । . पद्मावती देवीकी मनोज्ञ मूर्ति । ५३. त्रिलोकपुर-दिगम्बर जैन पार्श्वनाथ मन्दिरका ३६. वाराणसी-राजघाटमें भूगर्भसे प्राप्त पंच बाल भव्य शिखर । यतिकी मूर्ति । ८-९वीं शताब्दी। ५४. श्रावस्ती-सोमनाथ ( सम्भवनाथ ) मन्दिरके ३७. भगवान् श्रेयांसनाथकी जन्मभूमि सिंहपुरीके अवशेष, जहाँ भगवान् सम्भवनाथका जन्म हुआ मन्दिरमें भगवान् श्रेयांसनाथकी प्रतिमा। . था। . . . ३८. सारनाथ-भूगर्भसे प्राप्त प्राचीन तीर्थकर-मूर्ति। ५५. श्रावस्तीमें भगर्भसे प्राप्त भगवान नेमिनाथकी ७वीं शताब्दी, लखनऊ संग्रहालय। मनोज्ञ मूर्ति । ९वीं शताब्दी, लखनऊ म्युजियम । ३९. भगवान् चन्द्रप्रभकी जन्म-नगरी चन्द्रपुरीके ५६, श्रावस्तीमें भूगर्भसे प्राप्त भगवान् महावीरको जैन मन्दिरकी वेदीका दृश्य । मूति । १०वीं शताब्दी, लखनऊ म्युजियम । ४०. प्रयाग-भगवान् चन्द्रप्रभकी छठी शताब्दीकी ५७. श्रावस्तीमें प्राप्त भगवान् सम्भवनाथकी मूर्ति । प्रतिमा। प्रयाग संग्रहालय । __ ९वीं शताब्दी, लखनऊ म्युजियम। ४१. प्रयाग--अम्बिका देवीकी ६ फुट उन्नत भव्य ५८, काकन्दी (खुखुन्दू) भगवान् नेमिनाथकी भव्य मूर्ति । इस फलकपर चौबीस यक्षियोंकी मूर्तियाँ प्रतिमा । समय अनुमानतः छठी शताब्दी। भी उत्कीर्ण हैं । प्रयाग संग्रहालय । ५९. काकन्दी (खुखुन्दू) में प्राप्त अम्बिकादेवीकी ४२. प्रयाग-पार्श्वनाथ दिगम्बर जैनपंचायती मन्दिर- मूर्ति । समय १२वीं शताब्दी, लखनऊ राजकीय में भूगर्भसे प्राप्त भगवान् पार्श्वनाथकी भव्य संग्रहालय। .. . प्रतिमा। ६०. ककुभग्राम (कहाऊँ) में गुप्तकालीन मानस्तम्भ । ४३. प्रयाग-पंचायती दिगम्बर जैन बड़ा मन्दिरकी शीर्षपर ८ जिन प्रतिमाएँ विराजमान हैं। वेदीका दृश्य । सभी प्रतिमाएँ प्राचीन हैं। ६१. ककुभग्राम ( कहाऊँ ) में गुप्तकालीन पार्श्वनाथ ४४. कौशाम्बी-दिगम्बर जैन मन्दिरमें भगवान् प्रतिमा । प्रतिमा खण्डित है। पद्मप्रभके चरण चिह्न, जहाँ भगवान्का जन्म ६२. देवगढ़-मन्दिर नं० १२ की भीतरी भित्तिमें हुआ था। जैन मूर्तियाँ । ४५. कौशाम्बी-दिगम्बर जैन मन्दिरमें चैत्य । ६३. देवगढ़-भीतरी चहारदीवारीमें जैन मूर्तियाँ । ४६. पभोसा-दिगम्बर जैन मन्दिरमें भगवान् पद्म- ६४. देवगढ़-बाहबलीकी भव्य प्रतिमा । किन्नरियाँ प्रभकी सातिशय प्रतिमा। __ लताओंको हटाती हुई। ४७. पभोसा-दिगम्बर जैन मन्दिरके पोछे पहाड़की ६५. देवगढ़-एक मन्दिरमें शुकनासिकाका दृश्य ।। एक शिलामें उत्कीर्ण चार जैन प्रतिमाएँ। ६६. देवगढ़-उपाध्याय परमेष्ठीकी सौम्य मूर्ति ।

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