Book Title: Bhaiya Bhagavatidas aur Unka Sahitya
Author(s): Usha Jain
Publisher: Akhil Bharatiya Sahitya Kala Manch

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Page 250
________________ और प्रकाशनों का अधिकांश व्यय स्व० श्री सतीश चन्द्र अग्रवाल, संस्थापक-संरक्षक' के सुपुत्र श्री मनोज कुमार अग्रवाल, संरक्षक करते रहे हैं। अब मंच के नये संरक्षक श्री राजकुमार अग्रवाल और श्री लक्ष्मण प्रसाद अग्रवाल का सहयोग भी हमें मिलता है। यदा-कदा कुछ अन्य समाज-सेवी और सरस्वती के उपासक तथा हिन्दी-प्रेमी भी साहित्यिक-कार्यक्रमों में अपना आशिक सहयोग करते रहे हैं, जिसके परिणाम स्वरुप माँ सरस्वती की कृपा से ‘मंच' के अब तक के सारे साहित्यिक अनुष्ठान सफलता पूर्वक - सम्पन्न होते जा रहे हैं। "मंच' की ओर से प्रत्येक वर्ष स्थायी रूप से स्व० सतीश चन्द्र अग्रवाल (संस्थापक संरक्षक) की स्मृति में 2101/- का समग्र साहित्य सम्मान/पुरस्कार 1998 से निरन्तर दिया जा रहा है जिसे उनके पुत्र श्री मनोज कुमार अग्रवाल एडवोकेट चाँदपुर अपने करकमलों से प्रदान करते हैं। इसी प्रकार सन् 2001 से साहित्य के क्षेत्र में 'प्रो० रामप्रकाश गोयल साहित्य शिरोमणी-सम्मान' और व्यंग्य के क्षेत्र में 'डॉ० परमेश्वर गोयल-व्यंग्य शिखर सम्मान' और गीतों के क्षेत्र में 'रामकिशन अग्रवाल स्मृति गीति-सम्मान', बाल साहित्य के क्षेत्र में 'लक्ष्मण प्रसाद अग्रवाल बाल साहित्य-सम्मान' भी शुरू किये गये हैं, जो प्रत्येक 2101/- रूपये के हैं। सन् 2004 से साहित्य के क्षेत्र में महाकवि डॉ० हरिशंकर आदेश साहित्य-सिंधु सम्मान तथा महाकवि डॉ० हरिशंकर आदेश साहित्य-चूड़ामणि सम्मान प्रत्येक 5000/- रूपये के भी प्रारम्भ किये गये हैं। इसी प्रकार कुछ और भी विधागत पुरस्कार शुरू किए जा रहे हैं। उद्देश्य 'अखिल भारतीय साहित्य कला मंच' अपनी स्थापना से ही अराजनीतिक एवं अव्यावसायिक संस्था के रुप में चिरपरिचित है। इसका उद्देश्य 'चेतना, चरित्र एवं एकता का विकास' करना है; जिसे बिन्दुश: उद्देश्यों में विभाजित किया गया है 1. हिन्दी का प्रचार-प्रसार करना और सामयिक गोष्ठियाँ कराना। 2. साहित्यकारों को संगठित एवं प्रोत्साहित करना। 3. बाल प्रतिभाओं/नवोदित प्रतिभाओं को प्रकाश में लाना। 4. सांस्कृतिक चेतना व राष्ट्रीय सौहार्द को बढ़ाना।। 5. अप्रकाशित साहित्य को प्रकाशित करके लोकार्पण-समारोह करना और साहित्यकारों को 'साहित्यश्री' से सम्मानित करना। 6. साहित्यकारों के सम्मान हेतु मुख्यालय मुरादाबाद में 'साहित्यिक न्यास' की स्थापना और 'सांस्कृतिक भवन' का निर्माण। प्रतीक माँ सरस्वती का प्रतीक चिन्ह ही मंच का प्राण है। (228) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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