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लेखक परि च यः
जन्म : विक्रम संवत् १९८९ कार्तिक कृष्णा त्रयोदशी
को राजस्थान की वीरभूमि एवं प्रकृति की
सुरम्य स्थली उदयपुर में। दीक्षा : परमविदुषी महासती स्वर्गीय श्री सोहन
कुंवर जी महाराज के सदुपदेश से पूर्व संस्कारों का जागरण तथा मधुर प्रवक्ता राजस्थान केसरी श्री पुष्करमुनिजी महाराज के श्री चरणों में भागवंतो दीक्षा वि० सं० १९६७ फाल्गुन शुक्ला तृतीया को।
शिक्षा : गुरुचरणों में रहकर विनयपूर्वक श्र ता
राधन ! प्राकृत, संस्कृत, हिन्दी, गुजराती काव्य, न्याय, दशन. व्याकरण आदि का अध्ययन ! आगमो का गम्भीर अनुशीलन ।
रुचि : लेखन : इतिहास एवं संस्कृति से सम्बन्धित ग्रन्थों
का तुलनात्मक दृष्टि से अनुशीलन । शोध लेख, निबन्ध, गद्य, रूपक, कहानी एवं चिन्तन सूत्र आदि का लेखन। ससन्दभ अनु
शीलनात्मक चरित्र ग्रन्थों का आलेखन। विशिष्ट कृतियाँ : ऋषभदेव : एक परिशीलन, धर्म और दर्शन,
कल्पसूत्र (विवेचन) भगवान पार्श्व, भगवान अरिष्टनेमि और कर्मयोगी श्रीकृष्ण : अन्भूति के आलोक में, चितन को चाँदनी संस्कृति और साहित्य आदि लगभग ३०
पुस्तकों का प्रणयन। अन्तरंग : मधुर मिलन सार! सदा प्रसन्न मुख ! सरल
व प्रशांत मानस एवं गुरु-भक्ति प्रवीण विनम्र स्वभाव ! एकनिष्ठ भाव से श्रुतसेवा में संलग्न।
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