Book Title: Bhagavati Sutra Author(s): Sudharmaswami, Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 4
________________ [3 15 सरा engli ३३० न० कर्मनीत्यादिकन व्यवसाय विशेष कविता ३६ हद तक त्यादिः वृधिकरस्वरूप काम जिजि मनीपेक्षा मला बादशा संवाद निघत. स्थानः वाणमलिक विपाला विक्रांत तेजा। उयं बलादसा सोत 19 कलातकनिशिहाजाल दीरं ति । गाथमा । कर्मा दद्वाणम लिकिचड शिदाषाआलमोहर मोह निकाविन उदरिति तजदा । श्रपाचवा बादशाचवाससा विश्वाचथना पियञ्चापचाविदितिनिधारति उत्तर दिकम लोहशिला प्रथादसुया प्रियहिम्मति से कामि ॥ संकामिति ॥ कामंस्मति । दितिंखा निदा 13यटए.ए कानीपरि तिति निद त्रिस्ांति। निकायंख । निकाएं। विनिका मिति साकम्म धनकरिमलिकिञ्च। लदिय विवाद दिया। उदी रिया व त्रियाय निक्रिणाभ्युद्यतमं का मोहनीयको भए गर्दित्रण निकाथातिविद्धकाला ॥ शान ईथाएं ज्ञाता जापानलाता कम्म 10मितीय काल समागमं तिपिडि अन्नकाल समय गिनं ति आमा गयकालसम० एकन गाथमा नातीथकाल मैप गति पनि कालसमर गिताना आ गया लोग समपाराएं निश्श्याएं लाताजपा झालातया कम्मता एव दारं तत कितीयकालसम दिया पालदी पिया ने काल समयाघणमा [[पाचालीरितीक्षण समथारक • जिमन + गहिए +१० स ह परिस्पर में से बारि 2015 माहि संक्रम51587 biamaPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 1168