Book Title: Balmanorama
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Page 799
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कौमुद्युत्तरार्धगतसूत्रसूचिकाः / सूत्रम् पार्श्वम् / सूत्रम् पार्श्वम् 3388 विशाखयोश्च (1-2-62) 721 3211 व्युपयोः शेतेः० (3 3-39) 673 3378 विशिपतिपदि० (3-4-56) 717 | 3275 व्रजयजो वे० (3-3-98) 687 3758 विस्पष्टादीनि० (6-2-24) 750 | 2990 व्रते (3-2-80) 526 3854 वीरवीयौ च (6-2-120) 756 श 3504 वृकज्येष्ठाभ्यां० (5-4-41) 728 | 3177 शकधृषज्ञा० (3-4-65) 665 3233 वृक्षासनयोर्विटरः (8-3-93) 677 3439 शकि णमुल्कमुलौ (3-4-12) 725 3229 वृणोतेराच्छादने (3-3-54) 677 2823 शकि लिङ् च (3-3-172) 469 2711 वृत्तिसर्गतायनेषु० (1-3-38) 409 2847 शकिसहोश्च (3.1-99) 480 2347 वृद्ध्यः स्यसनोः (1-3-92) 115 / 2971 शक्तौ हस्तिकवाटय :(3.2.54)520 3691 वृषादीनां च (6-1-203) 742 3719 शतुरनुमो नद्य० (6.1.173) 747 2391 वृतो वा (7-2-38) 157 2362 शदेः शितः (13-60) 135 2714 वेः पादविहरणे (1-3-41) 410 2598 शदेरगतौ (7-3-42) 321 2707 वेः शब्दकर्मण: (1-3-34) 407, 2673 शब्दवैरकलहा० (3-1-17) 383 2398 वेः स्कन्देरनिष्ठायाम्(७-३-७३)१६२ 2519 शमामष्टानां० (7-3-74) 245 2556 वेः स्कन्नातेर्नित्यम् (8-3-77)278 | 3543 शमिता यज्ञे (6-4-54) 731 2415 वेञः (6-1-40) 174 | 3121 शमित्यष्टाभ्यो० (3.2-141) 561 2411 वेो वयिः (2-4-41) 173 | 2928 शमि धातोः० (3-2.14) 509 2701 वेत्तेर्विभाषा (7-1-7) 404 | 2259 शपूर्वाः खयः (7 4-61) 48 3458 वेशन्तहिमवन्या०(४-४-११२)७२६ / 2336 शल इगुपधा० (3-1-45) 106 3477 वेशोयशआदे० (4-4-131) 727 2585 शाच्छासाह्वा० (7 3.37 317 2274 वेश्च स्वनो भोजने (8-3.69) 58 | 3075 शाच्छोरन्य० (7.4.41) 549 3430 वैतोऽन्यत्र (3-4-96) 724 | 3743 शारदेऽनातवे (6-2-9) 629 3971 वैवावेति च च्छन्दसि(८-१.६४)७६५ 2486 शास इदङ्हलोः (6.4.34) 216 2798 वोताप्योः (3-3.141) 406 2410 शासिवसि० (8-3-60) 372 2590 वो विधूनने जुक् (7.3-38) 318, 2487 शा हौ (6-4-35) 216 3123 वो कषलसकत्थ०(३-२-१४३)५६२३८७२ शितेर्नित्या० (6-2 138) 758 3196 वौ क्षुध्रुवः (3-3-25) 671/3810 शिल्पिनि चाकृतः (6-2-76) 754 2721 व्यक्तवाचां समुच्चारणे(१-३.४८)४१२२९०७ शिल्पिनि वुन् (3-1-145) 503 3433 व्यत्ययो बहुलम् (3.1-85) 724 | 3489 शिवशमरिष्टस्य 0 (4-4-143)727 2353 व्यथा लिटि (7-4-68) 120 2441 शीङः सार्वधातुके० (7-4-21) 191 3238 व्यधजपोरनुपसर्गे (3 3-61) 678 2442 शीडो रुट (7 1-6) 191 3392 व्यवहिताश्च (1-4-82) 721 3514 शीर्षश्छन्दसि (6.1-60) 729 3900 व्यवायिनोऽ० (62-166) 760 3030 शुषः कः (8-2-51) 537 3341 व्यश्च (6-1-43) 708 3356 शुष्कचूर्णरूक्षेषु० (3.4.35) 713 2749 व्यापरिभ्यो रमः (1-3-83) 425 | 3694 शुष्कधृष्टौ (6.1.206) 742 For Private And Personal Use Only

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