Book Title: Avashyaksutram Part_3
Author(s): Malaygiri, Bhadrabahuswami,
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
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श्रीआव० मलयगि०
सूर्यपुरे श्रीजिनदत्तसूरि-ज्ञानभाण्डागारे
लभ्यग्रन्थाः
सूचित्रम्
॥६११॥
०-८-०
१-८-०
पंचलिंगी प्रकरणम् (सटीकं) २-6-01 पौषधषट्त्रिंशिका (जयसोमीया, स०) १-०-० पंचप्रतिक्रमणादिसूत्र (मूलमात्र, शास्त्री) ०-१०० संदेहदोहावली (बृहद्वृत्तियुता) २-०-० श्रीपालचरित्रम् (सं० श्लोकबद्धम्) भेट राइदेवसिप्रतिक्रमणसूत्र (मूल, शास्त्री).-४जयतिहुअणस्तोत्रम् (सटीकं) •-४-० , , (प्रा० हिन्दी अनुवादयुतं)२-०-० धर्म० उत्सूत्रखण्डनम् (सटीक) १-०-० संवेगरंगशाला (सं० छाँयाऽन्विता)
| चैत्यवन्दनकुलकम् (सटीकम् ) २-४-० श्रीजिनदत्तसूरिचरित्र (पूर्वार्द्ध) १-८-० प्राकृतदीपालिकाकल्पम्
0-6-0 साधुपंचप्रतिक्रमणसूत्र (हिन्दीशब्दार्थयुक्त) | श्रीजिनदत्तसूरिचरित्र ( उत्तरार्द्ध) १-८-० भक्तामरस्तोत्रम् (सटीकम् )
| बृहत्स्तवनावली ईर्यापथिकीषट्त्रिंशिका(जयसोमीया,सटीका)१-०-० श्रावकपंचप्रतिक्रमणसूत्र (,,,) १-०-० प्राकृतव्याकरणम्
प्राप्तिस्थानम्श्रीजिनदत्तसूरि-ज्ञानभंडार,
शीतलवाडी-उपाश्रय, ओशवाल महोल्ला, गोपीपुरा, सुरत.
॥६११॥
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