Book Title: Ashtavakra Mahagita Part 05 Author(s): Osho Rajnish Publisher: Rebel Publishing House Puna View full book textPage 435
________________ स्वच्छंद में जो जीता है उसकी एक और ही प्रतिष्ठा है। वह एक और ही सिंहासन है। वह अपना ही सिंहासन है। उसे कोई छीन नहीं सकता। उसे कोई चोर चुरा नहीं सकता, डाकू लूट नहीं सकते, आग जला नहीं सकती। मृत्यु भी उसे नहीं छीन सकती, औरों की तो बात ही क्या !Page Navigation
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