Book Title: Aradhanapataka me Samadhimaran ki Avadharna
Author(s): Pratibhashreeji, Sagarmal Jain
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur
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प्राचीनाचार्य विरचित आराधनापताका में समाधिमरण की अवधारणा का समालोचनात्मक अध्ययन
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7. अभिनन्दन एवं स्मृति ग्रंथ - 1. श्री जिनेन्द्र वर्णी स्मरणांजलि, श्री दिगंबर जैन समाज, काशी, 1984. 2. डॉ. दरबारीलाल कोठिया अभिनंदन ग्रंथ, वाराणसी. 3. आ. तुलसी अभिनंदन ग्रंथ, आ. तुलसी धवल समारोह समिति, दिल्ली. 4. प्र. श्री अंबालालजी म. अभिनंदन ग्रंथ, उदयपुर. 5. जैन विद्या के आयाम खंड-6 (डॉ. सागरमल जैन अभिनंदन ग्रंथ), पार्श्वनाथ विद्याश्रम, वाराणसी,
1976
8. शब्दकोश एवं विश्वकोश - 1. अर्द्धमागधी कोश (भाग 1-5), मुनि रत्नचंद्रजी, अमर पब्लिकेशंस, वाराणसी, 1988. 2. अभिधान राजेन्द्र कोश, (भाग 1-7), श्री अभिधान राजेन्द्र कोश प्रकाशन संस्था, अहमदाबाद. 3. जैनेन्द्र सिद्धांत कोश (भाग 1-5), भारतीय ज्ञानपीठ, प्रकाशन, नईदिल्ली. 4. संस्कृत-हिन्दी कोश, वामन शिवराम आप्टे, मोतीलाल-बनारसीदास, वाराणसी. 9. पत्र-पत्रिकाएँ - 1. जैन जगत, भारत जैन महामंडल, मुंबई. 2. जैन प्रकाश, जैन भवन, नईदिल्ली. 3. जैन भारती, जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा, कोलकाता. 4. तीर्थंकर, इंदौर. 5. सन्मति संदेश, दिल्ली. 6. सम्यग्दर्शन, अ.भा.सा. जैन संस्कृति रक्षक संघ, सैलाना.
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