Book Title: Angchulika
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 16
________________ अंग चूलिया सोन्ति समत्त साए संजमत्त सुतनया बिदिए, यरियामा सुत्त बार वा सुतं येरेम रको प्राथरियाईए परिबंध परिचामोजन सुसंवा वायरस वायदा ए विहाए सो सुधोग एजुतो दवो नवरं सासर तहातात लगावेला९द दिए कसो जरक कद्दमे सोवलिमिक एसावि धम्मेरा बिद्याप जिज्र विशिवेलसोनवपाद पयारो चमते साहि पवजा नागण जोगवा उसमा सवाराजवि याए गंधवे विंकर निरपारगे होकारावई व सावरगाव गा एमेव विहारं निसिजा सारिया एगो सेसिं लवमापविद्या विद्या संजमजो जुगो व संपवतेई सुहंचलितेई गणत तित्रोय चलिन १ थिरकरणपुरा पेरा १बत्तिया वा वायरिए जज सायई संतव लोथिरंकुराई खितो वहिमावि साई मुनयविक्रये खोए र सो होई३९९१) चेगणमझे पुरिसरय पाए प्रायविह एवहिन्या भरोनिमाण गहिया मायरिया १९ अप्पेववू हिंसा मणिजाना सियाकपईनासो गुगराजपंचमे आयरिय १७वझाये २१वत्ति ३ येरेय ४ राय लिए4 संपईम हसराय व विहा ते से गुणा गाया कथक रुपकुल जाव परिणामकुं महत्तरसंल हेमजा १ जो गुरु हा महत्तरपयं१वत्तिलिं पयंत्रादेईतं वासो पावई समाईलि र विहिगंधाईखे वो सो अब शाय सेवायचो एमाससं जई बंदचा तेसे सिखाए सास एकदेसिय मि देवहाल फल जय बेंना सुंदर चंदन नई हि लिसेवियं सम्मताइतुमं समागतुझं सरला गया जनमानसार वारण चोय माहिं रखियवान साला सासिरका गुरुगोदिति कुलवदिहं ते एंक लिहिया देवि विकिचिश्यानयाई मरणं तं समुत्तमं १९यपरिकुले Jain Education International For Personal & Private Use Only www.janelibrary.org

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