Book Title: Ananda
Author(s): H C Bhayani, Pritam Singhvi
Publisher: Parshwa International Shaikshanik aur Shodhnishth Pratishthan

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Page 27
________________ 24 दोहानुक्रमणिका अठसठि तिथ परिब्भमहि अप्पा संजम-सील-गुण अप्पु णिरंजणु अप्पु सिउ इंदिय-मणु विछोहियउ । केई केस लुंचावहि केवलणाणु वि उप्पजइ गय-कुंभ-थलि जेम दिदु गुरु जिणवरु गुरु सिद्ध सिउ चिदाणंदु साणंदु जिणु जावु जवइ बहु तवइ जिणवरु पुज्जहिं गुरु थुणहिं जिणु असमत्थु वि मुणि भणहिं जिम वइ साणरु कठ महि जो णर सिद्धह झाइयहिं झाणु सरोवरु अमिउ जलु तिण्णि काल बाहिरि वसाहिं देउ सचेयणु झाइयइ देव बजावहिं दुंदहिं पक्खि मासि भोयणु करहिं पाहण पूजि म सिरु धणहु परमप्पउ जो झाइयइ परमाणंद-सरोवरहि पुव्व-किय कम्म णिज्जरइ परमाणंद-सरोवरहिं फास-गंध-रस बाहिरउ भींतरि भरियउ पाव-मलु बलिकिज्जं गुरु अप्पणउ बंध-विदूणउ देउ सिउ बाहिर लिंग धरेवि मुणि भाय-बप्प-कुल-ज्ञाति-विणु महि साहहिं रमणिहि रमहिं बउ तउ संजमु देउ गुरु वेणी-संगमि जि ण मरहु सदगुरु वाणिहि जउ हवउं सिक्ख सुणइ सदगुरु भणइ सो अप्पा मुणि जीव तुहुं सुणइ सुणावइ अनुभवइ सुणतह हियडउ कलमलइ सुणतह आणंद उल्लासइ सदगुरु तूठइ पावयइ सत्थु पढंतउ मूढ जय समरस भवि रंगियउ हरिहरु बंभु दि सिउ णही हिंडोला-छंदे गाइयउं

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