Book Title: Agam Yugka Jaindarshan
Author(s): Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Bharti Academy
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कूटस्थ - पुरुष -- २४६
कृत प्रणाश-- ३६५
कृतयुग्मादि - १२०
कृतविप्रणाशादि -- १८० कृतिकर्म – २३
-
कृष्ण - ५०
केवल - ५२, १२६, १३०, १३१, १३४,
१३५, १४१, १४६, २१८, २२०, २५४, २८६ ; - - दर्शन २२१;ज्ञान के साथ अन्य ज्ञान २२१ ; ज्ञानी २६१, २५६
केवलाद्वैत -४४
केवली – ५, ६, २३; -- कवलाहार २३१
टि०
केशी - ३२, १२८, १७०, २८३
कैलाशचंद्र जी - ३५
कैवल्य - २५४
कोट्टाचार्य - २८४
कोष्ठ- २२५
क्रिया - २७०, ३१३, ३१४, ३१८ क्रियावाद - ३२, २८२, ३१३ क्रियावादी -- ६६, ७५
क्रोध - २५६
क्लेश – २५४, २५६
(
(क्ष)
क्षणिक - २७४, व द २८६, २६८, ३२० क्षणिकता - २७२, २७३, २७५, २८५,
३२०, क्षणिक वादी - २७३
क्षत्रिय - १७
क्षायोपशमिक - १३१ क्षिप्र-२२३
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१० )
क्षेत्र - ६३, ७३, ११५ - ११७, १४१,
२४५, २८६ - परमाणु ८८
(ख)
खंदय
-६२
(ग)
गंगेश ---- २९१
गण -- १७३
गणधर -- ५, ७-८ १०, ११,२१, २६
२६, १६३, २८१ गणितानुयोग – १७ गणिपिटक - ३
गणिविद्या - २६, २८२
पति और आगति-- ५१, ६६
गवेषणा - २२५
गिरिखण्ड - ३०४
गुण- ११६, १४१, १४३, १५३, २०७, २११, २१३ -- २१५, २२६, २३३२३८, २४१, २४३, २४४, २५६, २५६, २६६, ३१८, ३१६, -- का लक्षण २११ ; - पर्याय २३६ - पर्याय और द्रव्य - २१३, २३६; -- प्रमाण
A
२२६
गुणधर- -२२
गुणदृष्टि - ११६, ११६
गुणभद्र --- २४
गुणसुन्दर -- १७
गुणस्थान - ५१, २५७, २६६ गुणेन - १४२, १५१
गुरु – ६६
गुरु-लघु -६६
गोमट्टसार - २३ टि० गोवर्धन - १६
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