Book Title: Agam Suttani Satikam Part 11 Pragnapana
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
View full book text
________________
[16]
"आगमसुत्ताणि-सटीकं" मग १ थी 30वें वि१२५
आगमसुत्ताणि ।
आगमाः
भाग-१
आयार
भाग-२
सूत्रकृत
भाग-३
स्थान
भाग-४
समवाय भाग-५-६ भगवती (अपरनाम व्याख्याप्रज्ञप्ति) भाग-७
ज्ञाताधर्मकथा, उपासकदशा, अन्तकृद्दशा, अनुत्तरोपपातिकदशा,
प्रश्नव्याकरण भाग-८
विपाकश्रुत, औपपातिक, राजप्रश्निय भाग-९
जीवाजीवाभिगम भाग-१०-११ प्रज्ञापना भाग-१२ सूर्यप्रज्ञप्ति, चन्द्रप्रज्ञप्ति भाग-१३ जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति भाग-१४ निरवायलिका, कल्पवतंसिका, पुष्पिका, पुष्पचूलिका वण्हिदशा,
चतुःशरण, आतुरप्रत्याख्यान, महाप्रत्याख्यान, भक्तपरिज्ञा,
तन्दुलवैचारिक, संस्तारक, गच्छाचार, गणिविद्या, देवेन्द्रस्तव, मरणसमाधि भाग-१५-१६-१७/नीशीथ भाग-१८-१९-२० बृहत्कल्प भाग-२१-२२ व्यवहार भाग-२३ दशाश्रुतस्कन्ध, जीतकल्प, महनिशीथ | भाग-२४-२५ आवश्यक भाग-२६ ओघनियुक्ति, पिण्डनियुक्ति भाग-२७
दशवैकालिक भाग-२८-२९ उत्तराध्ययन भाग-३० नन्दी, अनुयोगद्वार
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 337 338 339 340 341 342