Book Title: Agam 45 Anuogdaram Chulikasutt 02 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 63
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ५८ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनु ओगदारा (३२२) समोers आयभावे य पोग्गलपरियट्टे आयतमोयारेणं आयभावे समोयरह तदुभयसमीयारेणं तीतखा अणागतद्वासु समोवाइ आयभावे य तीतद्धा अणागतद्धाओ आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ तदुभयसमोयारेणं सव्वद्धाए समोयरइ आयभावे य से तं कालप्तमोयारे से किं तं भावसमोयारे भावसमोयारे दुविहे पत्रत्ते तं जहा आयसमोयारे य तदुभयसमोयारे य कोहे आयसमोयरेणं आयभावे समोवाइ तदुभयसमोयारेणं माणे समोयरइ आयभावे य (माणे आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ तदुभयसमोयारेणं मायाए समीयाइ आयभावे य माया आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ तदुभयसमोयारेणं लोभे समोयरइ आयभावे य लोभे आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ तदुभयसमोयारेण रागे समोयरह आयभावे य रागे आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ तदुभयसमोयारइ मोहणिजे समोयरइ आयभावे य मोहणिजे आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ तदुभयसमोयारेणं अडकम्मपगडीसु समोयरइ आयभावे य] अटुकम्पपगडीओ आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ तदुभयसमोयारेणं [छविहे भावे समोयरइ आयभावे य छविहे मावे आयतमोयारेणं आयभावे समोवरइ तदुभयसमोयारेणं जीवे समोयर आयभावे य जीवे आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ तदुभयसमोयारेणं जीवत्थिकाए सभोयरइ आयमाये य] जीवस्थिकाए आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ तदुभयसमोयारेणं सव्वदव्बेसु समीयरइ आयभावे य १४९-१/-149-1 (३२२) कोहे माणे माया लोभे रागे य मोहणिजे य पगडी मावे जीवे जीवत्थिय सव्वदव्वा य ।।१२४ ।। 124 (३ १ ४) से तं भावसमोयारे से तं समोयारे से तं उवक्कमे । १४९ । - 149 (३२५) से किं तं निक्खेवे निक्खेवे तिविहे पन्नत्ते तं जहा- ओहनिष्फण्णे नामनिष्फण्णे सुत्तालागनिष्फण्णे से किं तं ओहनिष्फण्णे ओहनिष्फण्णे धउव्विहे पन्नत्ते तं जहा अज्झपणे अज्झणे आए झवणा से किं तं अज्झयणे अज्झयणे चउव्विते पत्रत्ते तं जहा नामज्झयणे ठयणज्झयणे दव्वज्झयणे मावज्झयणे नाम-द्रवणाओ गयाओ से किं तं दव्वज्झपणे दव्वज्झपणे दुवि पत्रत्ते तं जहा- आगमओ य नोआगमओ य से किं तं आगमओ दव्वज्झपणे आगमओ दव्वज्झयणे-जस्स णं अज्झयणे त्ति पदं सिक्खियं ठियं जियं मियं परिजियं [नामसमं घोससमं अहीणक्खरं अणचक्खरं अब्बाइन्द्धक्खरं अक्खलियं अमिलियं अवखापेलियं पडिपुत्रं पडिपुत्रघोसं कंठोट्ठविप्पभुक्कं गुरुवायणोवगयं से णं तत्व वायणाए पुच्छणाए परिवहणाए धम्मकहाए नो अनुप्पेहाए कहा अनुवओगो दव्वमिति कट्टु नेगमस्त एगो अनुवउत्तो आगमओ एगे दव्वज्झयणे दोणि अनुवउत्ता आगमओ दोणि दव्यज्झयणाई तिण्ण अनुवउत्ता आगमओ तिष्णि दव्वज्झयणाई] एवं जावइया अनुवृत्ता तावइयाई ताई नेगमस्स आगमओ दव्वज्झयणाई एवमेव व्यहारस्स वि संगहस्स एगो वा अणेगा वा अनुवउत्तो वा अनुवउत्ता वा आगमओ दव्वज्झयणे वा दव्वज्झयणाणि वा से एगे दव्वज्झपणे उज्जुसुयस्स एगो अनुवउत्तो आगमओ एगे दव्वज्झयणे पुहत्तं नेच्छइ तिन्हं सद्दनयाणं जाणए अनुवउत्ते अवत्थू कम्हा जइ जाणए अनुवउत्ते न मवई से तं आगमओ दब्वज्झयणे से किं तं नोआगमओ दव्वज्झपणे नोआगमओ दव्वज्ञपणे तिविहे पत्रत्ते तं जहा - जाणगसरीरदव्वज्झयणे भवियसरीरदव्वज्झयणे जाणगसरीरभवियसरीरवतिरित्ते दव्वज्झपणे से किं तं जाणगसरीरदव्वज्झयणे जाणगसरीरदव्वज्झयणे For Private And Personal Use Only -

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