Book Title: Agam 08 Antgadadasao Angsutt 08 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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वग्नो-८, अझयणं-५
२९
एक्केक्कं पाणयस्स जाव नवमे नवए नव-नव दत्तीओ भोयणस्स पडिगाढेइ नव-नव पाणयस्स एवं खलु एयं नवनवमियं भिक्खुपडिमं एक्कासीतिए राइदिएहिं चउहिं व पंचुत्तरेर्हि भिक्खासएहिं अहासुतं आराहेत्ता जाव दसदसमियं भिक्खुपडिमं उवसंपचित्ता णं विहरइ-पढमे दसए एक्केक्कं भोयणस्स दत्तिं पडिगाइ एक्केकूकं पाणयस्स जाव दसमे दसए दस-दस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाइ दस-दस पाणयस्स एवं खलु एयं दस दसमियं भिक्खुपडिमं एक्केणं राइंदियस एणं अछट्टेहिं य भिक्खासएहिं अहासुतं जाव आराहेइ आराहेत्ता बहूहिं चउत्थ-छट्टम-दसमदुवालसेहिं मासद्धमासखमणेहिं विविहेहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणी विहरइ तए णं सा सुकण्हा अज्जा तेणं ओरालेणं तवोकम्मेणं जाव सिद्धा निक्खेवओ । २१।-21
अमे वग्गे पंचमं अज्झयणं समत्तं
-: छ
अज्झ य णं-म हा क ण्डा :
(५५) एवं महाकण्हा वि नवरं-खुड्डागं सव्वओभद्दं पडिमं उवसंपजित्ताणं विहरइ- चउत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ छड करेइ करेता सव्वकामगुणियं पारेइ अद्रुमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ दसमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ दुवालसमं करेइ करेत्ता सब्बकामगुणियं पारे अमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ दसमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ दुबालसमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चउत्यं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारइ छड करे करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ दुवालसमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चउत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेड़ छठ्ठे करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ अट्टमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ दसमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ छट्टै करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ अट्टमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ दसमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ दुवालसमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चइत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ दसमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ दुवात्तसमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चउत्यं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ छठ्ठे करेइ करेत्ता सव्वकामगुणिचं पारेइ अङ्कुमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारं एवं खलु एवं खुड्डागसव्वओभद्दस्स तवोकम्पस्स पढमं परिवाडिं तिहिं मासेहिं दसहि य दिवसेहिं अहासुतं जाय आराहेत्ता दोचाए परिवाडीए चउत्थं करेइ करेत्ता विगइवज्रं पारेइ पारेता जहा रणावली तहा एत्य वि चत्तारि परिवाडीओ पारणा तहेव चउन्हं कालो संवच्छरो मासो दस य दिवसा सेसं तव जाव सिद्धा निक्खेवओ ।२२1-22
• मे व
अपणं समतं ● - स स पं अज्झ य णं-वी र क ण्हा :
(५६) एवं वीरकण्हा वि नवां- महालयं सव्वओभद्दं तवोकम्पं उवसंपजित्ता णं विहरइ तं जहा- चउत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ छवं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ अनुमं करे करेत्ता सव्वकामगुणियं परेइ दसमं करेइ करेता सव्वकामगुणियं पारेइ दुवालसमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चोद्दसमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ सोलसमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ दक्षमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ दुवालसमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चोद्दसमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ सोलसमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चउत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारइ छट्टं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं
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