Book Title: Acharang Sutram Part 01
Author(s): Atmaramji Maharaj, Shiv Muni
Publisher: Aatm Gyan Shraman Shiv Agam Prakashan Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 1022
________________ जैनभूषण, पंजाब केसरी, बहुश्रुत, महाश्रमण गुरुदेव श्री ज्ञान मुनि जी महाराज : शब्द चित्र सृजन जन्म भूमि - साहोकी (पंजाब) जन्म तिथि - वि. सं. 1979 वैशाख शुक्ल 3 (अक्षय तृतीया) दीक्षा : - . वि. सं. 1993 वैशाख शुक्ला 13 दीक्षा स्थल - रावलपिंडी (वर्तमान पाकिस्तान) गुरुदेव -. आचार्य सम्राट् श्री आत्माराम जी महाराज अध्ययन . - प्राकृत, संस्कृत, उर्दू, फारसी, गुजराती, हिन्दी, पंजाबी, अंग्रेजी आदि भाषाओं के जानकार तथा दर्शन एवं व्याकरण शास्त्र के प्रकाण्ड पण्डित, भारतीय धर्मों के गहन अभ्यासी। हेमचन्द्राचार्य के प्राकृत व्याकरण पर भाष्य, अनुयोगद्वार, प्रज्ञापना आदि कई आगमों पर बृहद् टीका लेखन तथा तीस से अधिक ग्रन्थों के लेखक। विभिन्न स्थानकों, विद्यालयों, औषधालयों, सिलाई केन्द्रों के प्रेरणा स्रोत। विशेष आपश्री निर्भीक वक्ता हैं, सिद्धहस्त लेखक हैं, कवि हैं। समन्वय तथा शान्तिपूर्वक क्रान्त जीवन के मंगलपथ पर बढ़ने वाले धार्मनेता हैं, विचारक हैं, समाज सुधारक हैं, आत्मदर्शन की गहराई में पहुंचे हुए साधक हैं। पंजाब तथा भारत के विभिन्न अंचलों में बसे हजारें जैन-जैनेतर परिवारों में आपके प्रति गहरी श्रद्धा एवं भक्ति है। आप स्थानकवासी जैन समाज के उन गिने-चुने प्रभावशाली संतों में प्रमुख हैं जिनका वाणी-व्यवहार सदा ही सत्य का समर्थक रहा है। जिनका नेतृत्व समाज को सुखद, संरक्षक और प्रगति पथ पर बढ़ाने वाला रहा है। स्वर्गारोहण मन्डी गोबिन्दगढ़ (पंजाब) . 2000 23 अप्रैल 2003 (रात 11.30 बजे) प्रेरणा 933

Loading...

Page Navigation
1 ... 1020 1021 1022 1023 1024 1025 1026