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________________ विहर में किहां की सुबत्ते हरम केनोविज्ञा कालनेविवेंहति संतो बते हनें लालिते ९७ रसनेनिदिषु संतोषी के तथ परिग्रहविषु धर्के किल विषेयरिग्रहविषे 7 वस्त5 गोवरविगादिसह से सलोग काले यतिहिलाले अरसे प्रतिज्ञेयपरिग्रह सामान्य ग्राम सवसक्त अत्तु सा (असेकेशने । इलियो । परनो रसादिक । जो मदन दी ||१८ मिसत्तोसा नवे हि हिदीमे हीरा (लोलाविले आययनं रसनेलोनेंप अनाग्रहणहारनें- | रमवितात परि | माया का प्रसाद बनना दो तएदालिल एस्सच्ा दत्त हारियो। रसे अतित्तस्मयरिमाया मायानुसंवह इलो लदो हिमायत की नदी बे १९ मषानेंदळें || पहिलो पुल सातत्यादिपुरकान विमुंच इसे |१| मोसस्सप चायपुर एमएका प्रदर कोपुल जै रसविषे नरोथ को कोरियेऽइं थको विभारतिय को राजव्याने → हारमुकने कोइ जा मृषावाने अवसर तेलिय टायलो कहने | पतंग कालटा 545 110 ७ रमनारावर मनुष्युने ए। कारें कधीक ते एवं अत्तालिसप्राययंतो से अतित्रोच्च लिस्सो (७रसारत स्मन रस्म रविदादिहिलेसोडरक नापजावें बेंकरे रोगविज्ञाने का मात्मानं कष्ट एवं कोऊ कयाकिंचित लावलेोगविक जैस 5रखं निवन्न ऊरसक एए ყო मंग कें
SR No.650033
Book TitleLokashaha ki Hundi
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages424
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript
File Size200 MB
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