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________________ अकस्मा कर्में लेविनाशरण 29:295 चरा कालियथाव इसे विलास रागाऊरे बिधि सविज्ञन्नकाए| प्रचेज हामिसं || जिको पुरुबादिकती मादिकती मारसनै तेल-अवसर विषे ते जीवरक क्लेश लोलगिदिनिच्या विदासममुवे इतिछं । तं सिरका एसेज नवे 55रकं छत संतोष में तीव्र आक लपा में तनिकराने जीवसा परंतेयोरसते पुरनो काम ५४ एकांतेरा तो राम नलाग मायार ताल हे नथ करतो. रसनेविष दो से एसएएजंत्र (नकिंविरसेश्र्वरख इसे । ५४। एगंतरतो रुइरे रसमिता सनें वेदेषच्य संतोष करें 5. एक संबंधिनी प्रतिरायस्यो दीपा पायें नली बाई तेरा द्वेषेक रान मुनि साझ बानी परं रामरहितको 54 इनसे रके स्मसेवालमुवे बाले नपिले इते एमुली विरागे सथावरजी व अनेक प्रकारना कारने ते जीवन परितायऊपजा बालाजी ने लिसे से सुमारस संबंधी आज्ञायत एशिया लोहा काटकर निजेदा लोटा लोकाय चौ शरीरजेन जिममा बिलो मांस नें वो लो कोमल बीई दंतिरसने वनदीको जीव रसा लुगासा युग एयजीवे । चराचरेहिसइयेोगरुवे । विज्ञे दितेय रितावे इबाले ||नवोऊनिया / राखिवाने आपल जीवनें पीच्या त्यानंताच्रुमोटो दुद महररसादितायरिग्रहकरी | वाले अन्तगुरु कि लिहे । दारा युवा एल्यरिययानुप्पायररकएासनि १७७
SR No.650033
Book TitleLokashaha ki Hundi
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages424
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript
File Size200 MB
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