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________________ रियवसाय श्रीगुरुदत्तद्देाउली उसासाठी (नेंगुरु अमुमने मावी आय तिरका उस्मा करें ते हक है सर्व उनका हार कम यति क्वमित्तानिस्लो दिन गुरु का कुडा ४९। आज हुँ कि सोम्ययविजुम्मा एतिहरित वेजेस्वाकरेंपचेते काउसमा तिवारीत श्रीगुरुनें देशदादा सीतयप्रमुख विदयामन रामा 4/*+ सरक विमोरको ४ यकिं तत्यहि वक्रामि एवं विचिंतकानं सगउपरिज्ञा वंदित का सायारिनें कि स्पेकरें श्रीने वांदातचीत व्यतितव विजय धार क्ते पचका करी मिनो संस्तवन नीति करें का नमस्कार सर्वक्रि या करवीर दाववदे देवसीय अनुक्रमे जिम र लगाबै तिमतिम ४८ पदसंपदासहित यहि कमी वहिक नहानेस सिल्परहित थाई पहिक में उत्तराध्य यारं आलो इडा -१ः१४९ तिरेक शिष्य बैशुरु 第 गुरु पारित्र्य कार्ड सगो वंदिता गुरुति संपविता करिकणिसंथ दिवे अध्ययन नी परिसमाप्तिक देवें एही नतीजा बाळासाहूनी समाचार संसेवक भागने जंबूप्रतेक एड्समा नारी-अध्ययननो ५२ करें श्रीधर बेजे समाचारीया बरनं जीवन साररूपा यो समुह श्री धर्मास्वाम कोलिमात्र एसा सामान्य सप्ता से विमादिल्या (ड-वरिताब कुंजी वा तिष्म संसार सागर तिबेमिय२ भरमनेति श्रानो करार बोलीमा वाया ऊशिष्य को ज्ञान दर्शन मादक रस्ते माचार्यकमुनित्रिका नजानेर @ोले आचार्य रारिनीसमा विसाल तो सारथी दिनी तदादिकने तरट उपेति येरे गएाद्गमी । मुलीच्या सिविसार च्या इन्तेगए सार्वमिसमायिसिंधू व वरुमाल एमजीक मनोव्यापारतिरूरि संसारन्यतिक्रामीशिष्यनौविजायारन लढ्ने जैकी इसारथी निविशेषकरीता सामुष्पितांच्या वार्या नीदेवी सदानंद सोमारी को कि + बसमाथिका येंतिक जोतरेंगा दिकने सम स्माकं तारंवश्वज्ञईओएमएस्सीस सारे अश्वत्तई खलु के कोनो एमालो। २४र
SR No.650033
Book TitleLokashaha ki Hundi
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages424
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript
File Size200 MB
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