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________________ इनदिइने बारस्य उपायमा दिवस निषाद आया एनजें सर्व कार्यकतें करें आ२ पाकाकरितो अन्नवाली सुप कीनिसमा विककामशिन प्रदेशला जिवारें कार्यकर नेण्यतानि निमंत्रिय करूँ तेर हरिवारिक महाति प्रयोजनानक निसाहियावसायासरादिक प्रवि य करें करें: ३९ वस्तिं कुद्धा वाले कुकानि सीहिया आवास करो। परकर पडदा दद्द दितो निस्तारेमाम्ने एवं दल ४ हा पोतानोतिनो की एके आमा आत्मा रुनइयास वनादिक संम्नला वार्यादिको पूजानक्ति ने क प्रायलेकरछा का रसला आपला विंदमछाक देव एमि का एकदि९६६माजसान कार्यकारिएका तो प्रति स्युमाहारादि ऐ कार्य कुरुमर लसरला कार ने माहरो कार्यकर विकारसमोरा कनोपजाद आएल इ चा का रो आसा रेल मिलाकरोत्र्य निदाए। तह काग्ययनिस्तु अपने ममादिभ्वार्यादिकक है रही ज्ञानसंपदा चणाएतले दकारमदिता दसने देसमा समावारी देवें महागुरुपुत्र्या । उपसंपदा ही एम ७ वहिला ने चनुशा में एक अतिशय कही तीर्थकर हिने बिश्नो यवेश्या । ७५ द्विले मिचन सांगे (आइ-इंमिसमु पुशिष्य मुनिजमीनें | करिशमयेध्वमरि ताया चिए सड अंपहिले हिज्ञा । वंदितारण तनुं गुरुं । न बुद्धिसलिनडो । किं काम एड्स नियोजिवेप्रेरितेक देशानादिक नावेया वहनदि गुरुनें या नियुजे मंदिश तेवया करिब असतेय शरासायनि हेनवन प्रवासाय प्रकारने दि सोललेल युनै आदेश स जायकरें दामो (साएवानि रागकखामनंतर ति चल सङ्गायदिकने करें: अन् वसंयया । एवंडवसंयुक्ता सामाया पक्कि याने गोवा तो कारवाहिक पहिले हिजो जीवदाने निवडून ते वेया बच्चे तिरुमाथ के ही सर्व यावन काहार कृलकर सरक विमो रक्एंगे रणे दिवस स्स- चउरो लाए (कुकालि र विचरकले (तउत्तर गुणे कु सझाए। रवि यावचे निणं कायम गिलाश्र दिवसनाच्या रागबिला गनेकरेंरियो बुद्दकवि १०
SR No.650033
Book TitleLokashaha ki Hundi
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages424
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript
File Size200 MB
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