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________________ तेजयघोष अलगार के अथ दीकाली धर्मवीतरागनो सां राजे ने वो अलर उत्तरप्रधान गन्तासाझ जयघोषवियाध्यय नगर स्तनिरकं ते म्म सो धान्यख वा कम्माई संऊमे हो बि सिद्धिमा पास के प्रमुत्तर ७५ किलिमान को पूर्वअध्य एह के धर्मस्वामिजेन प्रतेक देवें एतवेलच्या अयोसविङ घोसा । सिद्धिया अत्तर शिबेमि ४५ प्रतियोस विल रिनियासम्म प्रकारे आवरिये निसमा कसने का समाचारमाराने साझ निग्रंथ तिलिआस्कीएयू दिलीसमाचार जयघोषना समीपनें वि www उत्तराध्य से (जन्मघोसरसतिए ५: १४५ त्यस्नेते लेकर जयघोष अनैजिय - नाइसाई कामियेतिलयत २५ समभ्वा कई एवात्रासमादारी आवरिवतिलिकरिण: । यादीनं पूर्वला याज्र्ज्या सतरने देयमे छ्ध कर्मगला कराने मी जे बूते क नामासयलसम्म २५ (सनाच्या रिपत्रकासिरक विषां चरितानिमांधा ति संसारीया ममुद्र तर व्रतारंजी आशा तनामा गुरुजीनीकलीया मतीजिलि धान कर दिये। समासादिकता जी सर्वकार्यनिरुयुनिवातलिएपहिलीस महिन रहे तो बाहिरिनीकजियो काम समम्वारीमा आवस्यक दिन तइतिलिननस्प "यानामा समाचार वाजवायला संसार सागरी/पढमाच्या व सिमानामा बाइ आनिसी हिच्या मायुद्धात इचचीया सवारी नादिक वह बेटजरिवाना भवंदनाने व बकार कर लम् बलना कपमा ९८ रुनो आदेश [य] तत्तिरिवोए यतीमंदाताई निमंत्र सफल देतिमिघ्या कारसमा वारीसाती तथा कारवारी वाचा करता एका मावारीदु मीसा चप्रा बंदला नाम) २ बाकारोन्म ६ | सत्त प्रोमिलकारो न तद्द्वारे प्रमो 3 नोपदिशत्ति करै सगला उद्यमनंतथईने अनेरागनी पूर्वादशसु पदकारी सभावारी की विशेष करीती करेग नजान कामविषमकरिये नादिक संपदा आलिदीए जब क है * मत्तयले आवस्यक वियोगामार साना सवारी संयदासमा उन्हान न मं दस मानव संध्या एसादसमासा फूल। सामान्यारी यवेच्याधि (ममले प्रा २४५
SR No.650033
Book TitleLokashaha ki Hundi
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages424
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript
File Size200 MB
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