SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 214
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ संतमासा जाये। दिवस प्रतें या कासेच्या व नौ जातौ सि । तेनली लोके नगर नली आकास मार्ग करै ते प्लली निर्ग उत्तराध्यय तरहनी नांद मास दिवस । देवतानै आदेसराजा आपले नगरे आन्यौ। कनकमा लाने पिताना 5 वि नयः १०७ सारवानी तेलयुक्त नगर स्वाथी तिहार दौराजा बिने नगरनौरा ज्युकालैइ मकनकमाला सुंसु बजो तं यनें धूलो काल प्रतिएक निर्ग क्रीडाकरवासपरिवारे आपला नगरथको निका फित फलितदेवी जली एक मांजर तेह पत्र सावादिकस राजा या बोलते ॥ववालागौ। गाथाः । जो नौ- रुरकेला रामे समंजरीपलब ग्यास मुथिरकधं वैराग्यतेो निर्गतिराजा यै दिशाला भी एचो ती माथाः ॥ करिकेमु ऊलिंगे बु महे । नमी राया राजारजदेवी प्रतिबोधगयो। जाईजदेवी न प्रतिबोग्य दिव्याले । मारेश्एक दाइतिप्रतिष्ठ बार करकंद्र आदिरुण दिसने बारह वो तसे जनी मूर्तिपूर्वाचिषति सानै परागे किमथानं निवारें ज एदिसेमुन कापिबम नमिश्रा जबकी तराजा उतरनें ब ब्योतिवारें उत जिनकी (इस कालादी बें रकं भूनेंजन्मलगे बाज बलिवानैत्रिक छंवा मुं हिमुष् कर कंमूळे कामाः (जया रथं चरिचूपुर उरतहासघ मेयं परिचद्या संध्ये किं महमनुजा मे राजऋद्दिरमणि बांडी | तिवारे एट केराते हम करावी तिवारे द्विमुष प्रतेन मि के हवा लागो (गाथा: ( जया तेथेश्येरो कम्म या किंच करान ने सिकिचंपरितजा व्यकिंचयरानवाच्य दोहि मुष जोतेराज रुद्विमुका तो ब्ली नीलीवलै पानि लोके जे आव्या ते सर्व बानो स्वरुपदे० पुष्पिविकि थो प्रत्येक रायाविदेहे (गं मरा जाये लिंनिर्गतराजा तन गरिच्ठनारदेव कलि तिरुवैक याव्या १४७
SR No.650033
Book TitleLokashaha ki Hundi
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages424
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript
File Size200 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy